Reflections on the income growth of livestock farmers
पशुपालन मंत्री ने प्रगतिशील पशुपालकों से किया सीधा संवाद
देहरादून,। Reflections on the income growth of livestock farmers मंत्री, पशुपालन, डेयरी विभाग श्रम एवं कौशल विकास एवं गन्ना विकास सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में वीर चन्द्र सिंह गढवाली सभागार, विश्वकर्मा भवन, सचिवालय में पशुपालन डेरी एवं मत्स्य विभाग के अधिकारियों एवं पशुपालकों के साथ पशुपालकों की आय वृद्धि एवं रोजगार सृजन के उद्देश्य से चिन्तन शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में सभी जनपदों के जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा भी आनलाइन माध्यम से चिन्तन शिविर प्रतिभाग किया गया। चिन्तन शिविर में मंत्री द्वारा सभी विभागों को 2025 से पूर्व अपने विभागों की कार्ययोजना के माध्यम से पशुपालकों के लिए ऐसी योजना बनाने का आवहान किया जिसके माध्यम से रोजगार के नए अवसर सृजित हो तथा उत्तराखण्ड का नाम पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में हो सके।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार, विश्वकर्मा भवन, सचिवालय में आज पशुपालन, डेरी एवं मत्स्य विभाग का चिंतन शिविर आयोजित किया गया। जहां पधारे सभी सम्मानित लोगों से बातचीत कर उनसे सुझाव मांगे और मौके पर मौजूद सभी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया। pic.twitter.com/6tjwT26iWq
— Saurabh Bahuguna (@Saurabh1378) August 8, 2022
चिन्तन शिविर में मंत्री द्वारा पूरे प्रदेश से आए प्रगतिशील पशुपालकों से सीधा संवाद किया गया तथा दूध की डेयरी द्वारा लम्भित भुगतान समस्या का मौके पर निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया। सचिव पशुपालन डा० वी०आर० सी० पुरुषोत्तम ने कार्यक्रम में पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही योजनाओ एवं भारत सरकार की सहायतायित योजनाओ की क्रियान्वित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए।
नए पशुपालन उद्यम लगाने के लिये सुझाव दिए
मा०मंत्री जी ने सभी विभागों को रोजगार सृजन, पलायन को रोकने एवं पशुपालकों की समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए। डा० अजयपाल असवाल, पशुचिकित्सा अधिकारी, कालसी फार्म ने अपने प्रस्तुतिकरण में देशी एवं विदेशी उन्नत नस्ल के भू्रण प्रत्यारोपण के द्वारा पैदा करने तथा उन्नत नस्ल के सैक्स साटैंड सीमेन के द्वारा लाभान्वित करने के साथ चारागाह एवं चारा की कमी को दूर करने के उपाय एवं कार्ययोजना प्रस्तुत की, डा० राकेश सिंह नेगी, संयुक्त निदेशक पशुपालन द्वारा नए एवं पुराने पशुपालन उद्यमियों के लिये भारत सरकार द्वारा उपलब्ध योजनाओं से लाभ लेते हुए नए पशुपालन उद्यम लगाने के लिये सुझाव दिए।
मुकेश बोरा, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड ने डेयरी कापरेटिव द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं एवं किसानों की समस्याओं को दूर करने के सुझाव एवं योजनाओं में पर्वतीय मैदानी क्षेत्रों के लिए योजनाए बनाने के सुझाव दिए।
डा० अविनाश आनन्द, अपर निदेशक, मुख्य अधिशासी अधिकारी, उत्तराखण्ड शीफ एवं यूल डेवलपमेन्ट बोर्ड ने पर्वतीय क्षेत्रों के लिए लिए बकरी पालन की योजनाओं एवं नये प्रोजेक्ट की जानकारी दी गयी आनलाइन माध्यम से भारत सरकार से जुडे डा० प्रवीण मलिक, कमीशनर पशुपालन विभाग भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को पशुपालन सम्बन्धी योजनाओं के संचालन के लिये हर सम्भव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया|
रोजगार परक योजनाओं की जानकारी दी
डा० मलिक देश में फैल रही लम्पी स्क्रीन डिजीज को रोकने के लिए तत्काल सीमान्त क्षेत्रों में पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए जागरूकता एवं रोकथाम उपाय करने के लिए कार्य करने के सुझाव दिया गया। जयदीप अरोडा, संयुक्त निदेशक, डेयरी विकास ने डेयरी विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं रोजगार परक योजनाओं की जानकारी दी।
संजय लखोटिया, डेयरी एवं कुक्कुट पालन काशीपुर उधमसिंहनगर ने पशुपालन से बढावा देने के लिए अपने अनुभव एवं सुझाव दिये। हरीश चौहान, डेयरी उद्यमी ने पशुपालन के क्षेत्र में आ रही समस्याओं से अवगत कराते हुए इनके निदान हेतु विभागों को कार्ययोजना बनाने के लिए सुझाव उपलब्ध कराये।
कार्यक्रम में निदेशक, पशुपालन, डा० प्रेमकुमार, अपर सचिव, नितिन भदोरिया, प्रदीप जोशी, संयुक्त सचिव, डा० बी०सी० कर्नाटक, अपर निदेशक (सी०ई०ओ० यू०एल०डी०बी०) डा० लोकेश कुमार, अपर निदेशक, पशुपालन, डा० नीरज सिंपत् संयुक्तनिदेशक, डा० विद्यासागर सापक्षी, मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, देहरादून एवं प्रदेश के विभिन्न भागों से आये प्रगतिशील पशुपालकों ने भाग लिया।
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