Rewarded couple arrested
उत्तर प्रदेश के नोएडा से दबोचे
70 लाख की किट्टी ठगी में थे फरार
देहरादून। Rewarded couple arrested एसटीएफ के बाद अब दून पुलिस ने भी बड़ा धमाका किया है। दून पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में 12 वर्षों से फरार चल रहे 10-10 हजार के ईनामी दम्पत्ति को नोयडा से गिरफ्तार किया ।
थाना डालनवाला पर पंजीकृत धोखाधड़ी के अभियोग में वर्ष 2008 से फरार चल रहे ईनामी दम्पत्ति संजीव बस्सी व उसकी पत्नी नवीता बस्सी के सम्बन्ध में पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई।
ईनामी दम्पत्ति का पुत्र पूर्व में देहरादून के एक स्कूल में अध्यनरत था। जिस पर पुलिस टीम ने संस्थान से मफरुरों के पुत्र से सम्बन्धित विवरण व अन्य दस्तावेजों प्राप्त किये गये जिनका विश्लेषण करने पर दस्तावेजों से फरार के पुत्र के मोबाईल नम्बर की जानकारी प्राप्त हुयी।
मोबाईल नम्बर की काल डिटेल निकालने पर पुलिस टीम को फरार दम्पत्ति के मोबाईल नम्बर की जानकारी प्राप्त हुई। मोबाईल नम्बरों की लोकेशन मुम्बई, गुजरात, राजस्थान, नोयडा आदि जगहों पर होना ज्ञात हुआ।
जिस पर थाना डालनवाला से उपनिरीक्षक अरूण असवाल के नेतृत्व में एक एडवांस टीम को सुरागरसी पतारसी के लिए नोयडा, दिल्ली रवाना किया गया। एडवांस टीम को फरार दम्पत्ति की लोकेशन का वैरिफिकेशन किया तथा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए मुखबिर तन्त्र को सक्रिय किया गया।
उन्हें जेल भेज दिया गया
गत 22 दिसम्बर को जरिये मुखबिर व सर्विलांस पुलिस टीम को फरार दम्पत्ति के गोर सिटी नोयडा में होने के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई। जिस पर उच्चाधिकारीगणो को अवगत कराते हुये उनके आदेशानुसार पर प्रभारी निरीक्षक डालनवाला के नेतृत्व में एक टीम को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नोयडा रवाना किया गया।
दोनों टीमों ने मुखबिर की सूचना व सर्विलांस के आधार पर फरार संजीव बस्सी व उसकी पत्नी नवीता बस्सी को नोयडा स्थित गोर सिटी के फ्लेट नम्बर 560, टावर विस्टेरिया, गोर सुन्दरियम, टैक जोन दृप्ट ग्रेटर नोटडा वैस्ट, गौतमबुद्ध नगर से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उन्हे देहरादून लाया गया। जिन्हे बुधवार को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
लाखों की धोखाधड़ी करने वाले दम्पत्ति को गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 2500 रुपये तथा पुलिस उप महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र ने 5000 रुपये के पुरुस्कार से पुरुस्कृत किये जाने की घोषणा की गयी है।
किट्टी का लाखों रूपये लेकर हुए थे फरार
देहरादून। पूछताछ में आरोपियों ने बताया गया कि हमने वर्ष 2006 में राजपुर रोड अजन्ता होटल के पास ज्वैलरी की दुकान खोली थी, करीब दो वर्ष तक ज्वैलरी का काम करने पर हमने अन्य ज्वैलर्स को देखकर किट्टी कमेटी का कार्य शुरू किया तथा किट्टी पार्टी का आयोजन करने लगे थे।
हमारी किट्टी कमेटी में करीब 600 लोग जुड़े थे। किट्टी के कार्य में धीरे-धीरे हमारे पास लोगो के करीब 60-70 लाख रूपये जमा हो गये थे, और सभी लोग हमसे पैसे वापस देने का दबाव बनाने लगे थे, तो हम लोग सारा पैसा लेकर पूरे परिवार सहित सूरत गुजरात में फरार हो गये थे।
हमें किसी माध्यम से पता लगा कि वर्ष 2008 में किट्टी कमेटी की सदस्य सुधा पटवाल ने हमारे खिलाफ थाना डालनवाला मे धोखाधड़ी का अभियोग पंजीकृत कराया गया है। तब से हम अपनी पहचान छिपाकर पहले सूरत गुजरात में, उसके बाद वर्ष 2014 से मुम्बई में तथा अब करीब एक माह से गोर सिटी, नोयडा में रह रहे थे।
डीजी ने किया था 10 हजार का इनाम घोषित
धोखाधड़ी के आरोप फरार होने के कारण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 20 जून 2008 में आरोपी दम्पत्ति पर 2500-2500 रूपये का ईनाम घोषित किया गया था।
किन्तु आरोपियों के लगातार फरार होने के कारण पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ने 25 जनवरी 2020 को अभियुक्त गणो के ईनाम की राशि 2500 रुपये से बढ़ाकर 10-10 हजार रूपये की गयी थी। पुलिस ने आरोपियों के घटना के बाद अर्जित की गयी सम्पति की भी जाँच की जा रही है।
धोखाधड़ी में फरार दम्पत्ति को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
एसपी सिटी श्वेता चौबे, सीओ डालनवाला विवेक कुमार, प्रभारी निरीक्षक डालनवाला मनी भूषण श्रीवास्तव, निरीक्षक थाना डालनवाला देवेन्द्र सिंह रावत, वरिष्ट उप निरीक्षक दीपक धारीवाल, उपनिरीक्षक अरूण असवाल, कांस्टेबल सोहन बडोनी, सौरभ वालिया, कमलेश सजवाण, सोहन सिंह, एसओजी प्रभारी एश्वर्यपाल प्रभारी व कांस्टेबल प्रमोद कुमार शामिल रहे।
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