देश में दिन पर दिन बढ़ती रोगियों की संख्या Rogiyon ki badti sankhiya

Rogiyon ki badti sankhiya
देश में दिन पर दिन बढ़ती रोगियों की संख्या Rogiyon ki badti sankhiya

हिना आज़मी

21वीं सदी में आज मानव जितना कुशल हो गया है उसके साथ-साथ   प्रकृति की अवस्था में हुए परिवर्तन और मानव समाज में नई धारणाओं के चलते कई बीमारियों का भी जन्म हुआ है । यह बीमारियां प्रदूषण और खाद्य पदार्थों में मिलावट और मानव की बदलती जीवनशैली के कारण हो रही हैं। आज जैसे-जैसे बीमारियां बढ़ती जा रही (Rogiyon ki badti sankhiya) हैं, शोध कार्य भी प्रगति पर है।

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नए इलाज और मशीनें इजात हो रहे हैं फिर भी हर एक व्यक्ति बीमार है। छोटी सी उम्र में ही कई बीमारियां हो जाती हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट संबंधी बीमारियां तथा मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति हर तीसरे घर में उपलब्ध है।  व्यस्त जीवन शैली होने के कारण मोटापा बढ़ जाता है जिससे कई बीमारियां हो जाती है।  मिलावट की बात करें तो दूध में मिलावट, तेल में मिलावट, दालों में मिलावट , और तो और अब सब्जियां भी इंजेक्शन लगाकर बड़ी कर दी जाती है , कीटनाशकों का प्रयोग, खेती में करने से इन केमिकल्स तत्वों का मनुष्य के शरीर पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है ।

मनुष्य का जीवन तनाव से परिपूर्ण हो गया Man’s life is full of stress

जीवन शैली की बात करें तो मानव की जीवन शैली बहुत बदल गई है । पहले मानव संयुक्त परिवार के रूप में रहता था जिससे किसी भी परेशानी को परिवार में बैठकर सुलझा लिया करता था और अब छोटे परिवार की अवधारणा जब से आई है तब से मनुष्य का जीवन तनाव से परिपूर्ण हो गया है । पहले परिवार में किसी भी बात को साझा किया जाता था लेकिन अब आज हर कोई अपने फोन, कंप्यूटर आदि में ही लगा रहता है, बच्चे TV पर सारा वक्त जाया करते हैं ।

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यह बदलती जीवनशैली मनुष्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाल रही है। लोग  बीमारियों के इलाज के लिए नियमित रूप से दवाइयों के आदि हो गए हैं और यह दवाइयां गरीब वर्ग को महंगाई बढ़ने के कारण और परेशान कर रही हैं।  चिकित्सा कई तरह की होती है जैसे होम्योपैथिक, एलोपैथिक ,आयुर्वेदिक चिकित्सा आदि। एलोपैथिक दवाइयां साइडइफेक्ट करती हैं। ये एक रोग को खत्म करती हैं तो धीरे-धीरे दूसरे रोग को उत्पन्न करती हैं , जबकि आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक काफी साध्य होती हैं। इस प्रकार हमारा समाज रोगों की चपेट में आता जा रहा है।

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