नई दिल्ली, नोटबंदी के बाद उपजी अफरा-तफरी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि नोटों की कमी पर सरकार निरंतर नजर बनाये हुए हैं ओर पूरी मुद्रा को बदलना एक बहुत बड़ा अभियान हैं जिसकी अभी सिर्फ शुरुआत हुई हैं । आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए, श्री जेटली ने जनता और बैंक कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि वह दोनों क्रमशः देर रात तक लाइनों में खड़े होकर और काम करके स्थिति को बेहतर करने कि कोशिश कर रहे हैं।
एटीएम के ठीक से काम न करने की शिकायतों पर उन्होंने कहा कि एटीएम सामान्य होने में 2-3 हफ्ते लगेंगे क्योंकि उनकी रेकेलिब्रेटिंग या फाॅर्मेटिंग नए नोटों के हिसाब से नहीं थी और यदि उन्हें पहले रेकेलिब्रेट कर देते तो नोटबंदी का अभियान गुप्त नहीं रह जाता। श्री जेटली ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलो को नोटबंदी के निर्णय से तकलीफ हो रही है और वो पुराने बड़े नोटों के मान्य होने कि मियाद बढ़ाने को कह रहे हैं। उनकी तकलीफ किस वजह से हैं यह समझाने की जरुरत नहीं हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के खाते में काफी पैसा जमा हुआ था क्योंकि सातवे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने से उन लोगो को एरिअर मिले थे। इन खातों पर शक करने की कोई वजह नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश मे रुपए मुद्रा का कोई संकट नहीं है, इसलिए देशवासियों को अफरातफरी से बचने और धैर्य के साथ इस अभियान को सफल बनाने की जरूरत है।