Sad shayari : प्यार में खूब रूलाते हो लौट कर क्यों नहीं आते हो

Pyar me khub rulate ho

प्यार में खूब रूलाते हो, कहां होते हो?
लौट कर क्यों नहीं आते हो, कहां होते हो?
मुझसे बिछड़े हो तो महबूबे नजर हो किसकी?
आज कल किसे मानते हो, कहां होते हो?

याद आती है अकेले में तुम्हारी नींदे
किस तरह खुद को सुलाते हो, कहां होते हो?
तुम तो बिछड़े थे खुशियों की रफाकत के लिए
अब क्यों अश्क बहाते हो, कहां होते हो?

शहर के लोग भी करते हैं अब यही सवाल
तुम बहुत कम नजर आते हो, कहां होते हो…?

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मुझे खबर थी वह मेरा नहीं पराया था
पर धड़कानों ने उसी को खुदा बनाया था

मैं ख्वाब ख्वाब जिसे ढूंढता फीरा बरसों
वह अश्क अश्क मेरी आंख में समाया था

तेरा कसूर नहीं जान, मेरी तन्हाई
ये रोग मैने ही, खुद जान को लगाया था।।

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