Whatsapp ने अपनी एप्लिकेशन को 2016 में एंड टू एंड एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित बनाने का दावा किया था लेकिन इसका उपयोग इतना खतरे से खाली नहीं, जितना लगता है। यह बात जर्मनी में होने वाली एक रिसर्च में सामने आई।
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रोहर विश्वविद्यालय के शोध में पता चला कि कंपनी का दावा है कि टेक्सट, फोटो या वीडियो आदि पर मैसेज सिर्फ भेजने वाला या फिर प्राप्त करने वाला ही देख सकता है, मगर इस प्रणाली में बहुत बड़ी त्रुटि मौजूद है और वाॅट्सऐप के किसी सर्वर पर कन्ट्रोल रखने वाला हर व्यक्ति एक छोटे से प्रयास से निजी ग्रुप को पढ़ सकता है। इस शोध के दौरान, शोधकर्ताओं ने कई मैसेजिंग एप्लिकेशन में सिक्योरिटी खामियों का जायजा लिया था और अन्य के मुकाबले में वाॅट्सऐप में यह त्रुटि सामने आई।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि सर्वर का कंट्रोलर असानी से किसी भी अन्य ग्रुप का सदस्य बनकर नये मैसेज हासिल करके इन्हे पढ़ सकता है। एंड टू एंड सिक्योरिटी इतना सुरक्षित नहीं है जितना कम्पनी बताती है, क्योंकि इस कम्पनी का कोई भी व्यक्ति किसी प्राईवेट में किसी नये व्यक्ति को जोड़कर बढ़ा सकता है।
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यह उल्लेख करना जरूरी नहीं है कि वाट्सऐप ग्रुप में एडमिन ही जाहिर तौर किसी व्यक्ति को प्राईवेट चैट के लिए आमंत्रित कर सकता है और इस हवाले से अभी कोई नियमित तंत्र मौजूद नहीं है। एक बार जब किसी व्यक्ति को आमंत्रित कर लिया जाये तो पुराने मैसेज तो इसकी पहुंच से दूर रहते हैं मगर नये मैसेज वह पढ़ सकता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक इस सुरक्षा त्रुटि से जाहिर तौर पर इस ऐप के सर्वर कन्ट्रोल करने वाले व्यक्ति ही उठा सकता है, लेकिन अगर किसी सर्वर को हैक कर लिया जाये तो यह कुछ मुश्किल नहीं होगा। वाॅट्सऐप के मुताबिक जब भी किसी सदस्य को ग्रुप में जोड़ा जाता है तो सभी सदस्यों के पास नोटिफिकेशन चला जाता है। मगर हकीकत तो यह है कि सिक्योरिटी के लिहाज से कुछ ज्यादा अच्छे इंतजाम नहीं है बल्कि इससे फायदा उठाना आसान है।