संगोष्ठी का आयोजित

संगोष्ठी में स्वागत करते हुए।

चमोली । विश्व दुग्ध दिवस के परिपेक्ष्य में जिला पंचायत सभागर में जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह की अध्यक्षता में दुग्ध उपभोक्ता जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम के तहत दुग्ध उपभोक्ताओं के साथ संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में उपभोक्ताओं को दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थो की गुणवत्ता संबधित जानकारियां दी गयी तथा दुग्ध की गुणवत्ता जाॅचने हेतु लेक्टोमीटर भी वितरित किय गये। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा ने कहा कि दूध शरीर के लिए सभी पोषक तत्वों का एक बहुत अच्छा स्रोत है। दूध पीने से शरीर के विकास के साथ-साथ शरीर की हड्िडयां भी मजबूत होती है। जिसमें कैल्सियम, मैगनिसियम, जिंक, फास्फोरस,

आयोडीन, विटाईमीन आदि प्रचुर मात्रा में रहते है। उन्होंने कहा कि हमको जागरूक होकर दुग्ध पदार्थो में मिलावट करने वाले के खिलाफ मिलकर आवाज उठानी पडेगी। ताकि मिलावटी पदार्थो के दुष्परिणामों से अपने भविष्य को बचा सके व गम्भीर बीमारियों से बच सकें। सहायक निदेशक डेयरी नरेन्द्र डुगरियाल ने दुग्ध उपत्पादों की जानकारी देते हुए मिलावटी दुग्ध पदार्थो से उपभोक्ताओं को सावधान एवं सजग रहने की बात कही। बताया कि मिलावटी दूध का इस्तेमाल करने से ब्लडप्रेशर, पथरी, आंत, किडनी, त्वचा रोग, लीवर आदि भयानक बीमारियां हो रही है। घरों में दूध पीने वाले छोटे शिशुओं पर इसका गम्भीर प्रभाव पड रहा है। उन्होंने कहा कि दूध की शुद्धता को लैक्टोमीटर यंत्र से आसानी से परखा जा सकता है।

शुद्ध दूध की लैक्टोमीटर रीडिंग नियम तापमान पर 28 से 30 तक रहती है। इससे कम रीडिंग पाये जाने पर दूध मिलावटी होता है। उन्होंने बताया कि थोडा सा दूध लेकर उसमें चुटकी भर हल्दी मिलाने पर दूध का रंग ईट जैसा लाल हो जाये तो भी दूध में मिलावट होती है। उन्होंने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 03 जून को जोशीमठ विकासखण्ड सभागार, 04 को गौचर नगरपालिका सभागार, 05 को गैरसैंण, 06 को नारायणबगड विकासखण्ड सभागार तथा 07 को विकासखण्ड घाट सभागार में सुबह 11ः00 बजे से 1ः00 बजे तक दुग्ध उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को सजग किया जायेगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि ब्लाक प्रमुख दशोली प्रर्मिला सजवाण, दुग्ध संघ अध्यक्षा राजेश्वरी देवी, पूर्व दुग्ध संघ अध्यक्ष धन सिंह नेगी, सहायक निदेशक डेयरी नरेन्द्र डुगरियाल, डेयरी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी सहित दुग्ध उपभोक्ता मौजूद थे।