Senior Congress leader JP Pandey died
देहरादून। Senior Congress leader JP Pandey died राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी पांडे की सड़क हादसे में मौत हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार वह किसी शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे।
बीती रात जटवाड़ा पुल के पास सड़क दुर्घटना हुई। जिसमें उनकी मौत हुई। उनकी मौत की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गय है। वहीं कांग्रेस पार्टी भी शोकाकुल है।
राजनीतिक जानकारों ने उनकी मौत को बड़ी राजनीतिक क्षति बताया है। जेपी पांडे चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष भी थे।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य आंदोलन की हरिद्वार में मजबूत आवाज रहे जेपी पांडे बेहद जुझारू प्रवृत्ति के नेता थे।
हरिद्वार को उत्तराखंड में मिलाने की मांग को लेकर उन्होंने हरिद्वार में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर कई साल तक अनवरत धरने का संचालन किया।
धरना प्रदर्शन करते रहते थे
राज्य गठन के बाद उन्होंने आंदोलनकारियों को चिन्हित आंदोलनकारी बनाने की लड़ाई बड़ी गंभीरता से लड़ी जो अभी भी जारी थी, हर रोज वह किसी न किसी मुद्दे को लेकर कभी जिलाधिकारी आवास तो कभी सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करते रहते थे।
जेपी पांडे उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए गठित की गई संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवक्ता भी रहे। राज्य गठन के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे पहले वह उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के सक्रिय नेता थे और जिला महामंत्री रहे थे।
लेकिन बाद में यूकेडी के नेताओं से मतभेद होने के बाद उन्होंने अपना अलग से उत्तराखंड क्रांति मंच के नाम से संगठन बनाया।वह अभी भी उत्तराखंड क्रांति मंच के केंद्रीय अध्यक्ष थे। जेपी पांडे को सबसे ज्यादा संगठन बनाने वाले नेता के रूप में भी हरिद्वार में जाना जाता है।
दो दिन पहले ही उन्होंने 09 नवंबर को दीपावली के रूप में राज्य स्थापना दिवस मनाया था और उससे एक दिन पहले विभिन्न मांगों को लेकर नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना दिया था।
टिहरी जनपद के रहने वाले जेपी पांडे हरिद्वार में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के कर्मचारी थे। जहां से करीब पांच साल पहले वह सेवानिवृत्त हुए थे और इस समय शिवलोक कॉलोनी में रह रहे थे।
किसी न किसी जनपद में जाकर कार्यक्रम करते रहते थे
उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा और दो बेटी हैं। सभी बच्चे विवाहित हैं और सेटल हैं। हर महीने जेपी पांडे प्रदेश के किसी न किसी जनपद में जाकर कार्यक्रम करते रहते थे। पिछले दिनों उन्हें देहरादून में एक धरना प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार भी कर लिया गया था।
हरिद्वार में चंडी घाट के आसपास स्थित झुग्गी बस्तियों के लोगों की लड़ाई भी जेपी पांडे अक्सर लड़ा करते थे। वहां उनके नाम पर एक बस्ती भी बसी हुई है। अपनी जुझारू प्रवृत्ति के कारण पिछले दिनों गढ़वाल में उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि से भी नवाजा गया था।
सदैव हंसमुख स्वभाव के जेपी पांडे के निधन से उत्तराखंड की एक मजबूत आवाज शांत हो गई है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा राज्य आंदोलन सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप का बेहद करीबी माना जाता था।
लेकिन जितना संघर्ष उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक मंचों से किया, नेताओं ने उन्हें उसका कोई प्रतिफल नहीं दिया। जेपी पांडे हरिद्वार ग्रामीण सीट से राज्य गठन के बाद से ही चुनाव लड़ने के इच्छुक थे।
वह हर बार टिकट भी मांगते थे, लेकिन राज्य में उनके करीबी नेता जब भी सत्ता में आए तो उन्हें न तो टिकट मिला और न ही सरकारी स्तर पर कोई सम्मानजनक पद मिला। इसकी टीस पांडे के समर्थकों को हमेशा रही।
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