साइनोसाइटिस को न करे अनदेखा नहीं तो हो सकती है गंभीर बीमारी

Sinusitis
Sinusitis को न करे अनदेखा नहीं तो हो सकती है गंभीर बीमारी

प्रदूषण की वजह से हमारे शरीर पर भी गम्भीर प्रभाव पड़ता है, कई बीमारियाँ इसके कारण ही जन्म लेती है। साइनस (Sinusitis) हमारे सर में स्थित एक कैविटी होती है जो सिर को हल्का बनाए रखती है। साइनस अंदर ली गई हवा को नमी प्रदान करता है, जिससे सांस नली और फेफड़ों को भी नहीं मिलती है।

इसके प्रभावित होने से शुष्क वातावरण में सांस लेने में दिक्कत होने लगती हैं। बदलते मौसम जुकाम, एलर्जी, प्रदूषण के कारण साइनस में संक्रमण हो जाता है, जिससे साइनस के रिक्त स्थान पर बलगम जम जाती है और साइनस का रास्ता रुक जाता है। ऐसे में लोग अक्सर साइनोसाइटिस यानी साइनस के संक्रमण से पीड़ित हो जाते हैं।

क्यों है इसमें गंभीरता लेने की जरूरत





आमतौर पर लोग साइनोसाइटिस के प्रति ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं। यह बहुत ही कम लोग जानते हैं कि यदि समय पर उपचार ना किया जाए, तो उस साइनस में संक्रमण नाक, दिमाग, आँख, गले तक भी पहुंच सकता है। इसके बढ़ जाने पर गले का ऊपरी भाग भी कैंसर से ग्रस्त हो सकता है।

Sinusitis का क्या कारण है

आमतौर पर साइनस की समस्या का मुख्य कारण धूल और प्रदूषण है हर वर्ग के लोगों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। जब लोग बाहर निकलते हैं, तब धूल और वायुमंडल में फैला प्रदूषण उनकी नाक में चला जाता है, जो बाद में साइनस की बीमारी का कारण बन जाता है। इसके अलावा एलर्जी नाक में ट्यूमर या नाक की हड्डी का टेढ़ा होना या चोट की वजह से भी साइनस की समस्या पैदा हो जाती है। यह बीमारी अनुवांशिक भी होती है इसलिए कई बार लोग इस कारण भी साइनस की चपेट में आ जाते हैं।

Sinusitis रोग के लक्षण




  • सिर में दर्द और भारीपन व आवाज में बदलाव होना
  • बुखार और बेचैनी रहना
  • आंखों के ठीक ऊपर दर्द होना
  • सिर में दर्द और भारीपन दांतों में दर्द सुनने और स्वाद की शक्ति कमजोर होना
  • नाक बंद होना या फिर नाकबहना

Sinusitis का इलाज

इस रोग का प्रमुख इलाज एंटीबायोटिक दवाइयां हैं। एंटीबायोटिक दवाएं साइनस से संक्रमण को दूर कर देती हैं। नाक में सूजन कम करने के लिए कुछ सम्बन्धित ड्रॉप्स दी जाती है, लेकिन इन्हें कुछ दिनों के लिए ही लेना सुरक्षित होता है। अधिक दिनों तक इसका प्रयोग करने से नाक के भीतरी सतह पर बुरा असर पड़ता है।




दर्द से राहत पाने के लिएत दर्द निवारक दवा दी जाती हैं। इसमें स्टीम लेने से भी लाभ होता है। पर्याप्त पानी पीना और आराम करना रोग को जल्दी ठीक कर देता है। यह जरूरी नही है कि यह रोग सर्दियों में ही हो य बदलते मौसम में ज्यादा होता है, ऐसे लोगो को प्रदूषण से दूर रहना चाहिए।

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