SJVN inaugurates diversion tunnel of the project
देहरादून। SJVN inaugurates diversion tunnel of the project नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने आज अंतिम विस्फोट संपन्न करके 210 मेगावाट की लूहरी चरण-1 जल विद्युत परियोजना के नदी डायवर्जन का उद्घाटन किया।
श्री शर्मा ने पेनस्टॉक के निर्माण का आरंभ तथा डायवर्जन टनल गेट्स के निर्माण कार्यों का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर एस.पी. बंसल, निदेशक (सिविल), आर.एल. नेगी, परियोजना प्रमुख सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि 617 मी. लंबी डायवर्जन टनल का पूर्ण होना परियोजना के लिए अति महत्वपूर्ण उपलब्धि है। श्री शर्मा ने कहा कि, नदी के पानी को अब मोड़ने के बाद कॉफर डैम के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा और परियोजना को लक्ष्य के अनुरूप चालू करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 जलविद्युत परियोजना की आधारशिला 27 दिसंबर 2021 को रखी गई। नन्द लाल शर्मा ने नदी के दाहिने किनारे पर डैम, पावर हाउस और टेलरेस व्यवस्था के लिए चल रहे स्ट्रिपिंग कार्यों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के डायवर्जन कार्यों की विस्तृत समीक्षा की।
टीम भावना से कार्य करने का आग्रह किया
नेशनल हाईवे डायवर्जन का कार्य अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही नदी के बाएं किनारे पर डैम का निर्माण कार्य भी आरंभ हो जाएगा। श्री शर्मा ने कर्मचारियों से सभी कंपोनेटों के निर्माण गतिविधियों को समय पर पूरा करने के लिए पूर्ण समर्पण और टीम भावना से कार्य करने का आग्रह किया।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि लूहरी चरण-1 जल विद्युत परियोजना की अनुमानित लागत 1810 करोड़ रुपए है और इसके पूरा होने पर सालाना 758 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा। इस परियोजना से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में सालाना 6.1 लाख टन की भी कमी आएगी।
उन्होंने आगे बताया कि लूहरी -1 परियोजना सामुदायिक संपत्ति सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास एवं लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के साथ साथ क्षेत्र के विकास में योगदान दे रही है।
परियोजना के आसपास के क्षेत्र में कारपोरेट सामाजिक दायित्व संबंधी विभिन्न कार्यों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है जिससे इस क्षेत्र सहित हिमाचल प्रदेश का कायाकल्प करने में यह परियोजना विशेषतया प्रभावी भूमिका अदा कर रही है।
जनता के लिए बेहद फायदेमंद रहेगा
श्री शर्मा ने 84 मी. लंबे स्टील ट्रस ब्रिज के निर्माण गतिविधियों का भी जायजा लिया। इस ब्रिज के बनने से परियोजना संबंधी निर्माण गतिविधियों में सुगमता आएगी और कुल्लू और शिमला जिले की जनता के लिए यह बेहद फायदेमंद रहेगा।
वर्तमान में, एसजेवीएन के पास 31500 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है। कंपनी भारत, नेपाल और भूटान में नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन पर फोकस करने के साथ-साथ कई परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है।
बीते समय में कंपनी ने एक के बाद एक कई परियोजनाएं हासिल की है जिसके परिणाम सवरूप यह वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के अपने साझा विजन को साकार करने के पथ पर तीव्रता से अग्रसर है|
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