Smearing Dhami government taking action in Shakti canal
विकासनगर Smearing Dhami government taking action in Shakti canal। कांग्रेस सेवा दल ने शक्ति नहर के क्लोजर में हो रहे गुणवत्ता विहीन कार्य की जांच कराने एवं राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना में चल रही बंदरबांट को बंद कराने की मांग को लेकर उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उप जिलाधिकारी विकासनगर के माध्यम से ज्ञापन भेजा।
कांग्रेस सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष हेमा पुरोहित के नेतृत्व में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कांग्रेस के कार्यकर्ता आज प्रातः लगभग 11 बजे तहसील परिसर में एकत्र हुए और उसके बाद उन्होंने और जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी विकासनगर को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि सरकार को पूर्व में भी कांग्रेस के साथियों द्वारा मीडिया सोशल मीडिया एवं ऑनलाइन शिकायत करके अवगत कराया गया है कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम यू जे वी एन एल द्वारा क्लोजर लेकर डाकपत्थर से कुल्हाल तक की शक्ति नहर में रिपेयरिंग एवं सफाई का कार्य कराया जा रहा है जो कि 25 अप्रैल 2023 को प्रारंभ हुआ था स यह राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है जिसमें क्लोजर में किए गए कार्य के नाम पर घटिया गुणवत्ता का कार्य कराया जा रहा है तथा अधिसंख्य स्थानों पर तो मात्र लीपापोती ही की जा रही है जिस कारण किए जा रहे कार्य में भारी भ्रष्टाचार होना प्रतीत हो रहा है स्थिति यह है कि शक्ति नहर के बेड में क्लोजर के 30 दिन बीत जाने के बाद भी पानी मौजूद है और अधिकतर स्थान पर नया बेड नहीं डाला गया है जबकि पुराना बेड बहुत टूटी फूटी हालत में है और उसमें गाद और मलबा भरा हुआ है स जहां बेड वाला भी गया है वह भी बिना पानी सुखा है बिना कच्चे रोड़ी बिछाए डायरेक्ट मिट्टी और आरबीएम पर मिट्टी युक्त पानी में ही सीमेंट युक्त कंक्रीट से डाल दिया गया है और उसकी तराई भी मिट्टी युक्त पानी से ही की गई है स साइड वॉल की स्थिति बहुत खराब है और इसमें भी अभी संख्या स्थान पर दरारें और गड्ढे हैं और जो रिपेयर की भी गई है उसमें भी डायरेक्ट मिट्टी के ऊपर सीमेंट युक्त मसाला डालकर काम किया गया है व जहाँ पैच वर्क किया गया है, वहां भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है स साइड वॉल की खराब हालत को छिपाने हेतु एक वाइट सीट चिपकाए जा रही है उसमें भी जगह-जगह ऊंचा नीचा हो उबड़ खाबढ़ और गड्ढों का नजारा साफ दिखाई दे रहा है।
क्लोजर के लगभग प्रारंभ में ही उत्तराखंड जल विद्युत निगम के एक अधिकारी अभियंता द्वारा क्लोजर के नाम पर पहले चार वाहनों की अनुमति बिना जिलाधिकारी की परमिशन के दी गई थी और इस अनुमति की आड़ में 18 खनन वाहनों के नंबर बैराज गेट पर चस्पा कर दिए गए थे जिनमें विरोध तो पड़ोसी राज्य से खनन सामग्री दो ही जा रही थी और प्रशासन का खनन विभाग भी इसका गवाह है। उक्त मुद्दे पर भी कांग्रेस ने आवाज उठाई थी परंतु जांच कहां तक पहुंची दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या एक्शन हुआ कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
यह भी महत्वपूर्ण प्रश्न है कि नहर के अधिकांश स्थान को बिना बेड डाले ही अभी तक छोड़ा हुआ है क्या इस अधिकांश हिस्से में बेड डालने का वर्क आर्डर नहीं किया गया था यदि नहीं किया गया था तो इस क्लोजर का जो लाभ नहर को होगा वह नगण्य होगा स क्योंकि मलबे से भरी हुई टूटी फूटी बेड से तो मशीनों में अब भी गाद और मलबा भरपूर मात्रा में जाएगा स यदि संपूर्ण नहर में बैड डलनी थी तो क्लोजर के 30 दिन के बाद भी अभी तक क्यों नहीं डाली? कब बैड डलेगी कब सूखे गी? क्या पानी छोड़े जाने से पूर्व बेड मजबूत हो जाएगी ? इसके अतिरिक्त भी इस प्रकरण में बहुत सारे कार्य ऐसे प्रथम दृष्टया नजर आ रहे हैं जो भयंकर भ्रष्टाचार की ओर इंगित करते हैं।
प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपने वालों में कांग्रेस सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष हेमा पुरोहित के साथ ही प्रदेश प्रवक्ता भास्कर चुग, जिला अध्यक्ष विजय कुमार एडवोकेट, कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास शर्मा, सेवादल के नगर अध्यक्ष भुवन चंद्र पंत , दिनेश भंडारी ऋषि त्यागी जीवन सिंह प्रदीप कुमार नरेश कुमार गोपाल सिंह गढ़िया राजेश नौटियाल दिनेश कांडपाल राजू आशीष विशाल मोहन सिंह आदि मौजूद रहे।