लालकुआं । पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में पत्रकारों को जन सरोकार से जुड़ी खबरों पर अधिक ध्यान देने व पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर बढ़ रही चुनौतियों पर व्यापक चर्चा की गई। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र पंत रमाकांत द्वारा निकाली गई स्मारिका भद्रकाली महात्म्य का भव्य विमोचन किया गया। नगरपंचायत के सभागार में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक नवीन दुम्का ने कहा कि समाज में जन जागरूकता लाने एवं क्षेत्र के विकास में पत्रकारों का बहुत योगदान है।
पत्रकारिता के कारण समाज का प्रत्येक वर्ग एवं विभाग गुणवत्ता का ध्यान देता है। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने पत्रकारों से जनपक्षीय पत्रकारिता पर अधिक ध्यान देने का आह्वान करते हुए कहा कि आज समाज में सबसे अधिक विश्वास लोग अखबारों व मीडिया से ही कर रहे हैं जिसके अनुरूप पत्रकारों को भी समाज में व्याप्त बुराइयां जैसे नशे की बढ़ती प्रवृति के विरूद्ध जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी राजू नबियाल ने पत्रकारों को पत्रकारिता दिवस की बधाई देते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों को जन सरोकारी पत्रकारिता से दूर करने की अपील की। वही क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि पत्रकारों को जनसमस्याओं पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने से संबन्धित खबरों पर जोर देने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि वास्तव में पत्रकारिता एक जोखिम भरा मिशन है जिसके लिए पत्रकारों को हर मुकाम पर तमाम परेशानियां भी झेलनी पड़ती है लेकिन इसके बाद भी पत्रकार अपनी तथ्यपरख खबर आम लोगों के बीच ला रहे है।
कार्यक्रम में प्रेस क्लब अध्यक्ष बीसी भट्ट ने पत्रकारिता के गिरते स्तर पर चिन्ता व्यक्तकरते हुए कहा कि पत्रकारिता का व्यवसायीकरण ना हो इसके लिए सभी को प्रयास करने होंगें। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र पंत रमाकांत द्वारा निकाली गई स्मारिका भद्रकाली महात्म्य का भव्य विमोचन किया गया। संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार राजेश नेगी, प्रकाश जोशी, ओपी अग्निहोत्री, मोहन जोशी, अजय उप्रेती, दिनेश पांडे, रंजीत बोरा, प्रमोद बमेटा, बसंत पांडे, उमेश जोशी गीता भट्ट, भावनाथ पंडित, अभिषेक संह, धीरज जोशी शैलेन्द्र सिंह, गोपाल बोरा, हेम जोशी, हरीश भट्ट, हरीश बिरखानी, राजू अनेजा, गोविंद भट्ट, भाजपा नेता हेमन्त नरूला, प्रकाश गजरौला, कांग्रेसी नेता रविशंकर तिवारी सहित तमाम पत्रकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रकाश जोशी व राजेन्द्र पंत रमाकांत ने संयुक्तरूप से किया।