Social organizations sent a memorandum to the Chief Minister
बस्तियों को मालिकाना हक दिलाए जाने की उठाई मांग
देहरादून। Social organizations sent a memorandum to the Chief Minister मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी उत्तराखण्ड पार्टी, सीटू, बस्ती बचाओ आन्दोलन, जनवादी महिला समिति, उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद, एसएफआई, एआईएलयू व नेताजी संघर्ष समिति ने बुधवार को बस्तियों को मालिकाना हक देने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कपिल ने लिया।
ज्ञापन में मांग की गई है कि बस्तियों कि सुरक्षा के लिऐ अध्यादेश के साथ-साथ नियमितीकरण की प्रक्रिया अविलंब लागू करते हुऐ सभी बस्तीवासियों को मालिकाना हक दिया जाये। एलिवैटैड रोड़ के नाम पर गरीबों को उजाड़ना बन्द किया जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती जमीनों, नाले, खाले, डूब क्षेत्र व चाय बगानों और जंगल के किनारे बसी आबादी को मालिकाना हक दिया जाये।
फ्लड जोन के नाम पर बस्तियों को हटाना बन्द किया जाए। एनजीटी के आदेश के नाम पर रिस्पना में नगर निगम देहरादून व एमडीडीए की और से हटाई गई काठ बंगला, गब्बर सिंह बस्ती, राजीव नगर, बारीघाट, दीपनगर अजबपुर, चुना भट्टा व अधोईवाला के विस्थापितों का पुर्नवास किया जाये।
इस मौके पर जनवादी महिला समिति की प्रान्तीय उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, आयूपी के केन्द्रीय अध्यक्ष नवनीत गुसांई, एसएफआई के प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेन्द्र परमार, बस्ती बचाओ आन्दोलन के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह, महामंत्री प्रेंमा, कोषाध्यक्ष सोनू, सीआईटीयू कोषाध्यक्ष रविंद्र नौडियाल, नेताजी संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रभात डण्डरियाल, एआईएलयू के अनुराधा, अभिषेक भण्डारी,उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद के केन्द्रीय उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार, आयूपी के नेता पंवार व उपेन्द्र प्रसाद, प्रेंमबल्लभ भट्ट, सीपीएम सचिव अनन्त आकाश व सीआईटीयू महामंत्री लेखराज आदि मौजूद रहे।
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