अल्मोड़ा, । पर्वतीय क्षेत्र से पलायन को रोकने के लिये अवस्थापना सुविधाओं को विकास करना होगा तभी हमारी मूल भूत समस्या पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा जैसी कमियाॅ दूर हो पायेंगी। यह बात प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने आज विडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारियों से कही। उन्होंने कहा कि पलायन रोकने हेतु राज्य सरकार द्वारा ठोस प्रयास किये जा रहे है साथ ही भावी रणनीति भी तैयार की जा रही ताकि पलायन रूक सके। उन्होंने पलायन पर चिन्ता व्यक्त करते हुये विभिन्न विभागों से समन्वित विकास की सोच को ध्यान में रखकर कार्य करने के निर्देश दिये। हमारा यह भी प्रयास होना चाहिये कि योजनाओं को लाभ अन्तिम छोर तक मिले।
पर्वतीय क्षेत्रों हेतु एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, जनोमुखी पर्यटन नीति, पर्वतीय शिल्पकारिता को प्रोत्साहन, वर्षा जल संरक्षण, शीलकालीन पर्यटन, ग्रीष्मकालीन पर्यटन की सोच को आगे बढाना होगा। पर्यटन मंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने सुझाओं को ई-मेल के माध्यम से प्रमुख सचिव पर्यटन को भेजेगे। इस अवसर पर पलायन रोकने हेतु राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी में सम्मिलित प्रदेश की बाल विकास एवं पशुपालन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि हमें प्रथम चरण में सीमान्त जनपद में ठोस कार्यक्रम चलाकर पलायन को रोकना होगा तभी हम सही मायने में पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने में सफल हो पायेंगे।
उन्होंने मत्स्य पालन को बढावा देने पर जोर दिया साथ ही जो ब्लाक अभी तक संचार व सड़क से नही जुड़ पाये है उन्हें जोड़ने पर बल दिया जाय। इस अवसर पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि आज पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन का मुख्य कारण जंगली जानवरों से कृषि को हो रही क्षति, बन्दरों के द्वारा किया जा रहा नुकसान एवं चिकित्सालयों मे चिकित्सों की कमी के साथ ही शिक्षकों आदि की कमी पर भी ध्यान आकर्षित किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जे0एस0 नागन्याल, जिला विकास अधिकारी मो0 असलम, सूचना विज्ञान अधिकारी राजेश तिवारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।