Story of truth of friend police
उन्नाव से शादाब अली की खास रिपोर्ट रिपोर्ट ।
उन्नाव| Story of truth of friend police जिला उन्नाव बीघापुर की मित्र पुलिस की एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रही है लेकिन अगर देखा जाए हमारी मित्र पुलिस की अच्छाइयों को भी बहुत कम लोग देखते हैं और बुराइयों को लगातार उजागर करते हैं लेकिन सबसे बड़ा सच यह है जो अगर मित्र पुलिस की इस वीडियो को वायरल किया जा रहा है अगर सच्चाई देखी जाए तो वाकई एक दर्द भरी दास्तां से कम नहीं और यह वीडियो भी 4 मंथ पुराना है।
सैकड़ो अक्लमंद मिलते हैं,
काम के लोग चंद मिलते हैं,
जब मुसीबत आती है। तब पुलिस के सिवाय । सभी के दरवाजे बंद मिलते हैं.दिन हो या रात, धूप हो या बरसात ।आपकी सेवा के लिए, पुलिस आपके साथ ।पुलिस वालों के जिन्दगी का भी अजब फ़साना हैं,। तीर भी चलाना है और परिन्दें को भी बचाना हैं.रात को आँखों में नींद नहीं, ना दिल में करार, ये मोहब्बत नहीं, पुलिस की नौकरी है मेरे यार
एक कहावत है –
पुलिस वालों की ना दोस्ती अच्छी होती है,और न इनकी दुश्मनी अच्छी होती हैं.पुलिस वालों पर ज़िम्मेदारी का सवाल होता हैं, इन्हें खुद से ज्यादा दूसरों का ख्याल होता हैं.मुजरिम माँ के पेट में कम, और पुलिस स्टेशन की गेट पर ज्यादा बनते हैं.रात में केवल चोर ही नहीं घूमा करते हैं, पुलिस वाले भी रात में घूम कर रक्षा करते हैं| जो पुलिस की बात करता है,वहीं पुलिस से डरता है| जिस दिन से वर्दी को पहना है, डर ने भी अपना रास्ता बदला हैं|
जो बेईमान है ये वर्दी उन्हें मजबूर बनाती हैं
जो ईमानदार है ये वर्दी उन्हें मजबूत बनाती
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