निजी अस्पतालों की लूट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार : प्रतिमा

Supreme Court reprimanded loot of private hospitals

Supreme Court reprimanded loot of private hospitals

जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र-राज्य सरकारों को लताड़ा
निजी अस्पतालों के कोरोना वायरस काल के बिलों का होगा ऑडिट

देहरादून। Supreme Court reprimanded loot of private hospitals कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि एक जनहित याचिका की सुनवाई करते वक्त उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर केंद्र-राज्य सरकारों को लताड़ लगाई है।

उन्होने कहाकि याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोरोना वायरस के समय सरकारी अस्पतालों में सही व्यवस्था ना होने के कारण लोगों को अपने परिजनों को लेकर के प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ा, जहां पर उन्होंने मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए कई गुना रेट चार्ज करने का काम किया और सरकार इस पर रोक लगाने में असफल साबित हुई, जो यह दर्शाता है कि सरकार कोरोना काल में अपना कर्तव्य निभाने में असफल साबित हुई है।

उच्चतम न्यायालय की यह लताड़ कांग्रेस पार्टी की और से उठाए गए सवालों को सत्य साबित करती है। राज्य में कई बार शिकायतें सामने आई की निजी अस्पताल मरीजों से उगाही करने का काम कर रहे हैं, हमने इस मुद्दे पर संघर्ष करने का भी काम किया, मगर सरकार की कान में जूं भी नहीं रेंगी।

कई मामले संज्ञान में आने के बाद भी शासन-प्रशासन ने कोई भी कदम नहीं उठाया। क्योंकि सरकार और निजी अस्पताल की आपस में मिलीभगत में आम जनता पिस रही थी।

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र-राज्य सरकारों को यह आदेश दिया है कि वह ऐसा तरीका सुनियोजित करें जिससे निजी अस्पतालों के कोरोना वायरस काल के बिलों का ऑडिट किया जा सके और सरकार के एसओपी के खिलाफ जिसने भी पैसों की उगाही आम जनता से की है उन्हें वह पैसे वापस दिलाएं जा सके।

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