कहानी Bagal mein chhora aur shehar mein dhindhora बहुत रोचक और सस्पेंस से भरी
हिना आज़मी
“बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा ” यह कहावत हमारी आज की कहानी में सही साबित होती है । आज की हमारी यह कहानी बहुत रोचक और सस्पेंस से भरी है। उसमें एक अजनबी की खोज की जाती है और कैसे-कैसे इस कहानी में ट्विस्ट आते हैं चलिए देखते हैं।
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एक वकील को आदेश दिया जाता है कि डेविड को उसके शहर जाकर अपने साथ लेकर आना है । डेविड एक चोर है जिसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी और उसके खिलाफ वारंट निकला है। वकील ट्रेन से उसके शहर मैक्सिको जाता है। वहां एक तांगे वाले के पास जाकर वह उसका पता पूछता है तो तांगेवाला उसे बताता है वह फ्रेजवैली में रहता है और उसकी बूढ़ी मां भी उसके साथ रहती है। वकील उसके साथ डेबिट को ढूंढने निकल पड़ता है।
बिल (Tangewala) से चिढ़ जाती है कि वह थप्पड़ मार देती है
बिल यानी तांगेवाला अचानक बोलता है कि उसने डेविड को जाते देखा। यहां वकील को शाम की ट्रेन से वापस जाना है। उसके पास सिर्फ 2 घंटे हैं। बिल उसे फ्रेजवैली की ओर ले कर चल पड़ता है। वे जैसे ही डेविड के घर पहुंचता है तो वहां उसकी मां काम में लगी होती है। बहुत बुजुर्ग और चिड़चिड़े स्वभाव की है। वह उससे डेविड के बारे में पूछता है तो मां बोलती है कि वह पिछले 6 महीने से घर नहीं आया। जिंदा है या मर गया पता नहीं ? और उस पर चिल्लाना शुरु कर देती है। बिल से चिढ़ जाती है कि वह थप्पड़ मार देती है ।
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दूसरी और वकील के ट्रेन का समय हो जाता है तो वह रेलवे स्टेशन पहुंचता है । यहां वह देखता है कि उसकी जरूरी कागजात डेविड के घर मे ही रह गए। वह उसके घर जाता है तो देखता है कि बिल यानी तांगेवाला और डेविड की मां साथ खाना खा रहे हैं और हंस रहे है। वह वहां से जाते एक आदमी से डेविड के बारे में पूछता है तो उसे पता चलता है कि बिल यानी तांगेवाला ही डेविड है। यह कहानी बहुत रोमांचित है। वकील जिसे ढूंढने आया था वह उसी के साथ ही था फिर भी उसे पता नहीं चल पाया ।