अल्मोड़ा, । निदेशक चाय विकास बोर्ड अल्मोड़ा ने बताया कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित चाय अल्मोड़ा शहर में बिक्री हेतु अब दुकानों पर भी उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा कौसानी, चम्पावत, घोड़ाखाल एवं गैरसैण बागानों में उत्पादित चाय आकर्षक पैकिंग में बाजार में बिक्री हेतु उपलब्ध हो चुकी है। उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा जैविक एवं अजैविक दोनो प्रकार की चाय बिक्री हेतु उपलब्ध है। अल्मोड़ा शहर के सभी दुकानो में बिक्री हेतु उपलब्ध करवाने के लिए आनन्द बल्लभ जोशी एवं गोविन्द बल्लभ पाण्डे को वितरक नियुक्त किया गया है। उनके द्वारा प्रतिदिन बाजार में एवं महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल में उत्तराखण्ड की चाय बिक्री हेतु उपलब्ध करायी जायेगी।
डा0 नेगी ने बताया कि उत्तराखण्ड में उत्पादित चाय स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम है। पर्वतीय क्षेत्र के बागानों से उत्पादित चाय औषधि का भी काम करती है। इस चाय से पाचन सम्बन्धी समस्या, संक्रमण सम्बन्धी समस्या, दाॅतों की सुरक्षा, रोग प्रतिरोधक शक्ति वर्धन, कैंसर से बचाव, हृदय रोग से बचाव, एवं त्वचा सम्बन्धी सुरक्षा भी इस सेवन से होती है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित चाय आर्थोडोक्स चाय है, जिसमें कलर कम व फ्लेवर अधिक है। इस चाय का सेवन बिना दुग्ध के व एक बूद नीबू डालने से करने पर स्वास्थ्यवर्धक है।