Tehri Loksabha candidate Gopalmani Maharaj
टिहरी लोकसभा के निर्दलीय प्रत्याशी संत गोपाल मणि महाराज ( Tehri Loksabha candidate Gopalmani Maharaj ) की जिनकी प्रतिष्ठा पूरे भारत में गौक्रान्ति अग्रदूत के रूप में लोक प्रसिद्ध है , लेकिन अब मणि जी गौमाता को सम्मान दिलाने और टिहरी को आदर्श संसदीय क्षेत्र बनाने के लिए चुनावी मैदान में उतर गए हैं महाराज जी विगत दश दिनों से लगातार टिहरी क्षेत्र के सुदूर गांवों का दौरा कर रहें है जहां खड़े हो रहे हैं।
उन्होंने अपना संपर्क शुरू किया तो सुबह गांव में लोग ओखली में धान कूट रहे थे तो महाराज जी स्वयं उनके साथ धान कूटने लग गए । फिर उसके बाद आगे बढ़े 6 km पैदल चलकर रौंतल गाव पहुंचे वहां जिस घर में लोगों को संबोधित किया वहां दूध मथनी किया जा रहा था महाराज जी से नही रहा गया मथनी करने लग गए । इतना ही नही दिन 1 बजे पैदल अदनी गांव पहुंचे वहां रास्ते में कुछ माताएं घास लेकर आ रही थी|
भैया मुझे जब भी कथाओं के बीच से समय मिलता है
महाराज जी ने उनका घास का बोझा अपनी पीठ पर लगाकर उनके घर छोड़ दिया । इस तरह से महाराज जी सुधूर गांवों में जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं, साथ में चल रहे एक अनुयायी ने महाराज जी से पूछा कि महाराज जी आपकी इन सभी गतिविधियों को चुनावी दृष्टि से देखा जाएगा तो महाराज जी की प्रतिक्रिया थी कि भैया मुझे जब भी कथाओं के बीच से समय मिलता है तो मैं सीधे अपने मूल स्थान चोपड़धार आजाता हूँ और ये सब कार्य हमारी जीवनचर्या में हैं और हमेशा रहेगा ।
पहाड़ का असली जीवन यही है । हमारी माताएं बहिने रोज यही कार्य करके अपना जीवन यापन करती है यही पहाड़ की संस्कृति है । कोई जनप्रतिनिधि ये सब करते हुए नही दिखेंगे न ही कभी कर सकते हैं। आगे संत गोपाल मणि जी ने कहा कि अब समय आ गया है टिहरी की जनता ने तय करना है कि उनको राजशाही या वंशवाद चाहिए या फिर अपने जैसा अपने बीच का गायवाला चाहिए।