The deadline to complete the works should be extended
मुख्यमंत्री से केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने की भेंट
देहरादून। The deadline to complete the works should be extended केन्द्रीय मंत्री से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यों को पूर्ण करने की समय सीमा मार्च 2023 तक बढ़ाये जाने का किया अनुरोध। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन व्यय होने वाली धनराशि की समय सीमा को भी सितम्बर, 2022 से मार्च 2023 तक बढ़ाये जाने का किया अनुरोध।
मुख्यमंत्री ने राज्य की भौगोलिक परिस्थिति वाले सीमांत क्षेत्रों के कम आबादी वाले 150 से 250 की आबादी वाले गांवों को सड़क से जोड़ने के लिये मानकों में छूट दिये जाने की भी की अपेक्षा।
मुख्यमंत्री ने पंचायत भवनों के निर्माण, पंचायतों के कम्प्यूटरीकरण एवं स्वच्छता के लिये भी अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराये जाने का किया अनुरोध। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण में भी तेजी लाये जाने की भी की अपेक्षा।
आज कैंप कार्यालय में केंद्रीय पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री श्री @girirajsinghbjp जी ने भेंट की और उत्तराखण्ड में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों और गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की। pic.twitter.com/BxBFpnpfW3
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 19, 2022
सीएम पुष्कर सिंह धामी से रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने भेंट की। उन्होंने ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं आवास से सम्बन्धित प्रदेश में संचालित विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से चर्चा की।
निर्माण कार्यों के लिये समय कम मिल पाता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की विपरीत भौगोलिक परिस्थिति, पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बरसात, अत्यधिक ठंड तथा सड़कों के लिये वन एवं पर्यावरण से सम्बन्धित स्वीकृतियों आदि में समय लगने के कारण निर्माण कार्यों के लिये समय कम मिल पाता है|
इसके लिये मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यों को पूर्ण करने की समय सीमा मार्च 2023 तक बढ़ाये जाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन व्यय होने वाली धनराशि की समय सीमा को भी सितम्बर, 2022 से मार्च 2023 तक बढ़ाये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थिति वाले सीमांत क्षेत्रों के कम आबादी वाले 150 से 250 तक आबादी वाले गांवो को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन सड़क से जोड़ने के लिये मानकों में छूट दिये जाने का भी अनुरोध किया।
अभी तक 250 से अधिक आबादी वाले गांवों को इसमें शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानकों में छूट दिये जाने से 250 से कम आबादी वाले गांवों को भी सड़कों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
नई तकनीकि के उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने पंचायत भवनों के निर्माण, कम्प्यूटरीकरण एवं स्वच्छता के लिये भी अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराये जाने का भी अनुरोध भी केन्द्रीय मंत्री से किया। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों की गुणवत्ता एवं रखरखाव के साथ ही सड़कों के निर्माण में नई तकनीकि के उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत बतायी।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण भी तेजी लाये जाने की अपेक्षा की। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने मनरेगा के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों में पारदर्शिता लाये जाने के लिये इसकी मॉनीटरिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा।
उन्होंने कहा कि इसके लिये नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम के साथ ही मोबाइल वाट्सएप्प ग्रुप बनाये जाने की व्यवस्था की जाय, इसमें ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, वार्ड मेम्बर सम्बन्धित अधिकारियों के साथ सांसद एवं विधायकों को भी ग्रुप में जोड़े जाने की व्यवस्था रखी जाय ताकि इसके तहत होने वाले कार्यों में पारदर्शिता रहे तथा कार्यों में भी तेजी आ सकेगी।
टैक्नॉलाजी वर्कशाप के आयोजन की भी बात कही
केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने मुख्यमंत्री को उनके द्वारा उठाये गये विषयों पर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण में नई तकनीकि के उपयोग आदि में सहयोग के लिये राज्य के साथ टैक्नॉलाजी वर्कशाप के आयोजन की भी बात कही।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन, सचिव नितेश झा, आर.मीनाक्षी सुन्दरम, संयुक्त सचिव पंचायती राज भारत सरकार प्रेम नागर, अपर सचिव एवं एम. डी. पेयजल एवं पीएमजीएसवाई उदय राज, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी आदि उपस्थित थे।
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