The fear of Baba’s bulldozer is not visible
उन्नाव जिले की तहसील सफीपुर में नहीं दिख रहा है ‘‘बाबा के बुल्डोजर का भय’’
भूमाफिया द्वारा की गई तालाबों की संपत्ति पर कब्जा
प्रधानों ने कर डाली कई सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे
शादाब अली की खास रिपोर्ट
उन्नाव। The fear of Baba’s bulldozer is not visible उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित उन्नाव शहर में कई बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से दबंगों ने कब्जा कर रखा है, जिसकी जानकारी प्रशासन के साथ-साथ आला अधिकारियों तक को है लेकिन यहां के कब्जेदारों के हौसले इतने बुलंद है कि बाबा के बुल्डोजर का भय इन अवैध कब्जेदोरों में रत्तीभर का नहीं दिख रहा है।
शहर की कई सरकारी जमीनों, ग्रीन बेल्ट, जमुरिया नाला, परती जमीन, नजूल भूमि, तालाब, कब्रिस्तान, वक्फ आदि की भूमियों पर कब्जा कर रखा है और उस भूमि पर आलीशान इमारत बनवा रखी हैं। अवैध कब्जेदारों का इतना प्रभाव है कि सरकार कोई भी आये यह हर जगह जुगाड़ लगा लेते हैं।
अब जनता में यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या शहर की सरकारी भूमियों के अवैध कब्जेदारों में बाबा के बुल्डोजर का भय दिखेगा या अवैध कब्जेदार इसी तरह काबिज रहेंगे? स्थानीय निवासियों ने दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र संख्या-40017622007989 में आरोप लगाया है कि 525,542,441,व अन्य कई जमीन जो लगभग दस हजार स्क्वायर फिट है। जिसकी कीमत करोड़ों रूपये में है।
अब तो क्षेत्रवासियों में प्रधानों का बी डर वसा रहता है कि उनकी चुंगल से सरकारी संपत्तियों का छूट पाना मुश्किल हो रहा है। रातों-रात 4 से 5 मकान तैयार हो रहे हैं। उपरोक्त सरकारी बेशकीमती जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है और अब दबंगई के बिना पर मकान का निर्माण करवा रहा हैं। जिसकी कई बार शिकायत जनपद के साथ-साथ प्रदेश स्तर के अधिकारियों को की गई है।
कब्जेदारों को देखकर अन्य व्यक्ति भी कब्जा कर रहे
प्रधानों की अगर पूर्व में अपराधिक गतिविधियों पर नजर डाली जाए तो कई बड़े संगीन आरोप है ऐसे ही भू माफियाओं पर भी कई बड़े संगीन मुकदमे दर्ज की गई लेकिन कार्यवाही न होने से सरकारी जमीन पर कब्जा लगातार हो रहा है। इन कब्जेदारों को देखकर अन्य व्यक्ति भी कब्जा कर रहे हैं।
इस सम्बंध में की जनता का कहना है कि अवैध कब्जेदारों के निर्माण पर बाबा का बुल्डोजर चलाया जाये और उस सरकारी जमीन पर सरकारी भवन का निर्माण या गौशाला का निर्माण कराया जाये जिससे शहर में छुट्टा घूम रहे जानवरों से शहर वासियों को निजात मिल सके और जनता चोटहिल होने से बच सके।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से चलाई गई मुहिम में अक्षत प्रधानों को तालाबों के सुंदरीकरण के लिए कुछ पैसा आवंटित कराया गया लेकिन किसी भी गांव में आज तक कोई तालाब का सुंदरीकरण नहीं हुआ और तालाब पाटकर उनको बंद कर दिया गया है।
जिला प्रशासन आखिर क्यों मेहरबान रहता है अवैध कब्जेदारों पर?
शहर में कई जगह सरकारी सम्पत्ति पर अवैध कब्जेदार कुण्डली मारे बैठे हैं लेकिन इन कब्जेदारों के आगे जिला प्रशासन नतमस्तक नजर आता है। कब्जा हटाना तो दूर है कानूनी कार्यवाही में इतनी लेट लतीफी की जाती है कि तब तक कार्यवाही करने वाले अधिकारी का तबादला हो जाता है और जांच फिर ठण्डे बस्ते में पहुंच जाती है।
कभी कभी कोई ईमानदार अधिकारी जब कार्यवाही करना चाहता है तो उसके उच्च अधिकारी जांच अधिकारी को अन्य मामलों में उलझाकर उसको निलंबित करवा देते हैं, जिससे अवैध कब्जेदारों की चांदी हो जाती है और इस कारण शहर में बाबा के बुल्डोजर का भय नहीं दिख पाता है।
अब देखना यह है कि क्या शहर के अवैध कब्जेदारों पर बाबा का बुल्डोजर चलेगा या इसी तरह कब्जेदार सरकारी जमीन पर कुण्डली मारे बैठे रहेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।
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