अल्मोड़ा । रानीखेत-स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नही होगी यह निर्देश जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज हुलिया बदलकर प्रातः 8ः15 बजे राजकीय गोविन्द सिंह महरा चिकित्सालय के औचक निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य से जुडे अधिकारियों को दिये। चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था एवं खान-पान व्यवस्था में गुणवत्ता नही पाये जाने पर जिलाधिकारी ने 10-10 हजार का जुर्माना ठेकेदार पर किया। जिलाधिकारी ने विगत दिनांे निरीक्षण के दौरान इमेरजेंसी कीट, ड्रम आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे लेकिन आज वो व्यवस्था नहीं पाये जाने पर उन्होंने कड़ी फटकार सम्बन्धित चिकित्साधिकारी व चीफ फार्मासिस्ट को लगाई और आधे घण्टे के अन्दर व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। पुनः जिलाधिकारी द्वारा आधे घण्टे के अन्दर निरीक्षण किया गया और वहां पर पंजिका में दवाइयों को अंकन सहित अन्य व्यवस्थायें सुव्यवस्थित रखने के निर्देश दिये।
उन्होंने वहां पर 02 रैक क्रय करने के निर्देश दिये और कहा कि दवाईयों को पृथक-पृथक रूप मे रखा जाय ताकि इमेरजेंसी के समय बार-बार इलमारी से दवाईयों को न निकालना पडे। जिलाधिकारी ने निरीक्षण से पूर्व वाहन को चिकित्सालय से काफी दूर खड़ाकर पैदल ही आम आदमी की तरह पंजिकरण काउन्टर से पर्चा भी कटाया। जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण के दौरान अस्थि रोग विशेषज्ञ डा0 महेश चन्द्रा व सर्जन डा0 मुकेश जोशी के अनुपस्थित पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त की और उनका स्पष्टीकरण लेने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को दिये। उन्होंने प्रत्येक वार्ड में जाकर व्यवस्थाओं को जायजा लिया और मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे जानकारी प्राप्त की। इमेरजेंसी वार्ड में सब स्टोक रजिस्टर बनाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने 02 बजे के बाद भी दवाओं का अस्पताल की फार्मेसी से वितरण कि व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने तथा दवा वितरण काउन्टर पर महिला, पुरूष पृथक-पृथक फार्मसिस्ट बिठाये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने डाट्स लेब, डाक्टर डयूटी कक्ष को सुव्यस्थिति करने के निर्देश दिये साथ ही डाक्टरों के लिये आवास सुविधा मुहैया करने के लिये जिला योजना में प्रस्ताव रखने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि भविष्य में भी हुलिया बदलकर आम आदमी की तरह बेस चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय सहित अन्य चिकित्सालयों को औचक निरीक्षण किया जायेगा। इस दौरान यदि कही पर कोई लापरवाही उजागर होती है तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाही अमल में लाई जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सालय परिसर में पूर्व में चल रहे मेडिकल स्टोर को हटाने के निर्देश दिये थे और सम्बन्धित फार्म को नोटिस दिया था कि यदि वे जनऔषधि केन्द्र चलाना चाहते है तो वे शर्तों के आधार पर चला सकते है न चला सकने की स्थिति पर एक साप्ताह के अन्दर वे उसे छोड़ दे।
उन्होंने आज स्टाक रजिस्टर सहित मरीज रैफर रजिस्टर का अवलोकन किया और विधिवत रूप से अंकन न होने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि निर्धारित प्रारूप में अंकन सहित रैफर करने का कारण और मरीज की सहमति पर उसके हस्ताक्षर पंजिका में आवश्य कराये जाय। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान उपस्थित उपजिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वे समय-समय पर चिकित्सालय का औचक निरीक्षण करंगे दिये गये निर्देशांे का अनुपालन न करने पर सम्बन्धित के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करेंगे। जिलाधिकारी ने डाक्टरों के साथ भी वार्ता की और उनकी समस्याओं को गम्भीरता से सुना। उन्होने कहा कि मरीजों के साथ सही व्यवहार हो इसका विशेष ध्यान रखना होगा। इसके अलावा मरीज जो चिकित्सालय में आते है उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाय।
जिलाधिकारी ने फार्मासिस्टों, स्टाफ नर्स से भी चिकित्सालय के बारे में जानकारी प्राप्त की और कहा कि वे अपने डयूटी का निर्वाहन पूर्ण सर्तकता के साथ करें कही से भी यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है उसे गम्भीरता से लिया जायेगा। चिकित्सालय कर्मियों की जो भी समस्यायें है उनका निराकरण चिकित्सालय प्रबन्धन समिति की बैठक में चक्रानुसार किया जायेगा। इस दौरान उपजिलाधिकारी रजा अब्बास, तहसीलदार नितेश डांगर, आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी, डा0 आर0के0 सागर, डा0 के0के0 पाण्डे, डा0 एस0के0 दीक्षित, डा0 डी0एस0 नेगी, डा0 दीपक शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।