नई दिल्ली। आयकर विभाग ने प्रथम चरण में ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान की है जिनके खातों में नोटबंदी के दौरान उनकी आय की तुलना में अधिक धन जमा हुआ। ऐसे लोगों के लिए आयकर विभाग ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया लेकर आया है। इस प्रक्रिया को श्स्वच्छ धन अभियानश् का नाम दिया गया है।
राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि स्वच्छ धन अभियान के माध्यम से सीधे लोगों से आॅनलाइन सवाल पूछे जाएंगे जिनका जवाब भी वे आॅनलाइन दे सकते हैं। जवाब न देने और असंतुष्ट जवाब देने की स्थिति में आयकर विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि आॅनलाइन जवाब से संतुष्ट करने वालों और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का हिस्सा बनने वालों को आयकर कार्यालय आने की जरूरत नहीं है और उनका मामला वहीं समाप्त कर दिया जाएगा।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष सुशील चंद्र ने बताया कि नोटबंदी के दौरान 1 करोड़ खातों में 2 लाख से अधिक धन जाम कराया गया। प्रथम चरण में उन लोगों को चुना गया है जिनके खातों में 5 लाख और उससे अधिक धन जमा हुआ या फिर 3 से 5 लाख तक संदिग्ध धन जमा कराया गया। लोगों को ईमेल और एसएमएस से मामले को स्पष्ट करने को कहा जाएगा। आॅनलाइन जवाब के लिए 10 दिन का समय दिया जाएगा। जवाब से संतुष्ट न होने पर उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। यह प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। किसी भी परेशानी की स्थिति में आयकर विभाग ने क्षेत्रीय आयकर आयुक्त से संपर्क करने की सलाह दी है। साथ ही एक हेल्पलाइन नम्बर 1800 4250 0025 भी जारी किया है। इस दौरान आयकर विभाग आॅनलाइन माध्यम से लाॅगिन करने से संबंधित जानकारी भी दी।