नई दिल्ली। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुस्लिम महिला बिल यानि ट्रिपल तलाक बिल को मंजूरी दे दी गई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अध्यक्षता में बनी मंत्री समूह ने बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है। अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार इस बिल में तुरंत या एक साथ ट्रिपल तलाक को आपराधिक करने के लिए कड़े कानुन शामिल किये गए हैं। इस बिल को तैयार करने वाले मंत्री समूह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और विधि राज्यमंत्री पीपी चैधरी थे।
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प्रस्तावित बिल में बार में तीन तलाक या ‘तलाक ए बिद्दत’ पर लागू होगा एवं यह पीड़िता को अपने व अपने नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से गुहार लगाने की हक होगा। इसके तहत पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकेगी। इस मसौदा कानून के तहत, किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा।
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मसौदा कानून के अनुसार, एक बार में तीन तलाक कहना या लिखकर भेजना गैरकानूनी व शून्य होगा और ऐसा करने वाले पति को तीन साल जेल की सजा हो सकती है। यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध होगा। प्रस्तावित बिल जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होना है। इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है और 5 जनवरी तक चलेगा। ये सत्र 14 कार्यदिवस चलेगा।
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