बांसबाड़ा में तेज बारिश से टूटी चट्टान
Three people die due to rock breaking
रुद्रप्रयाग। Three people die due to rock breaking केदारनाथ हाइवे 109 पर बांसबाड़ा के पास तेज बारिश के कारण चट्टान टूट गई। चट्टान टूटने से तीन लोगों की मौत और 12 लोगों के घायल व दबने की सूचना प्राप्त हुई।
घटना की सूचना के बाद इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम एक्टिवेट हो गया और मौके के लिये प्रशासन, पुलिस और आपदा विभाग की टीम रवाना हुई। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, डीडीआरएफ व एसडीआरएफ मेडिकल टीम, प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची।
घायलों को सकुशल निकाला गया और उन्हें एम्बुलेंस से सीएचसी अगस्त्यमुनि पहुंचाया गया।यह घटना हकीकत नहीं, बल्कि एक मॉकड्रिल थी। जिसकी सूचना के बाद से अधिकारियों में हड़कंप मच गया था।
सूचना दी गई थी कि बांसवाड़ा में चट्टान खिसकने से 15 से 20 लोगों के दबे होने की आशंका है। मॉकड्रिल हादसे में तीन मृतक और 12 घायल होने की सूचना भी दी गयी। सूचना के बाद कई अधिकारी व स्थानीय लोग भागकर मौके पर पहुचे तो उन्हें पता लगा कि सबकुछ मात्र मॉकड्रिल है।
माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया
मॉकड्रिल की सूचना कन्फर्म होने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था तथा आईआरएस (इंसीडेण्ट रेस्पोन्स सिस्टम) में सौंपे गए दायत्विों के कुशलतापूर्वक निर्वहन में महारत हासिल करने, आपदा पूर्व तैयारियां एवं क्षमता विकास का निर्माण करने के लिए गुरुवार को माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया।
इसके साथ ही सूचना प्राप्त होते ही जिला आपदाकालीन परिचालन केंद्र में प्लानिंग सेक्शन, लॉजिस्टिक सेक्शन के अधिकारी सक्रिय होकर कार्य करने लग गए थे। घटना के अनुरूप प्लानिंग की गई कि कितने मानव व भौतिक संसाधन की आवश्यकता होगी।
आईआरएस सिस्टम के रेस्पोंसिबल ऑफिसर एवं जिला मजिस्ट्रेट मंगेश घिल्डियाल ने संपंन माॅक ड्रिल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि माॅक ड्रिल के लिए भूस्खलन की घटनाओं की स्थिति उत्पन्न करते हुए बांसबाड़ा में माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया।
आईआरएस सिस्टम स्वतः ही संक्रिय हो गया
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार अपराह्न साढ़े बारह बजे के करीब भूस्खलन आने की सूचना प्राप्त होते ही आईआरएस सिस्टम स्वतः ही संक्रिय हो गया और सभी सेक्शन के नोडल अधिकारी इमरजेन्सी ऑपरेशन सेक्शन में एकत्र हुए और अन्य अधिकारी मशीनरी सहित स्टेजिंग एरिया एफटीआई मैदान में उपस्थित हुए।
इमरजेन्सी ऑपरेशन सेक्शन में जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी हरीश ने भूस्खलन के बारे में विस्तार से जानकारी दी और सभी नोडल अधिकारियों ने संभावित नुकसान की सूचना पर रणनीति तैयार करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गए।
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