Three students Submerged Yamuna river
विकासनगर। Three students Submerged Yamuna river उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से देहरादून घूमने आए छात्रों के दल में शामिल तीन छात्र नहाते वक्त यमुना नदी में डूब गए। स्थानीय तैराकों ने इनमें से एक को बचा लिया, जबकि अन्य दो का कुछ पता नहीं चल पाया। मूल रूप से कारगिल निवासी तीनों बच्चे अनाथ हैं और मुजफ्फरनगर स्थित डीएन पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं।
यहां संधावली कस्बे में अलजहरा चेरीटेबल फाउंडेशन संस्था अनाथ बच्चों की देखरेख कर रही थी। स्कूल का संचालन यही संस्था करती है। वही 170 बच्चों को पिकनिक पर लेकर आई हुई है। हादसा शनिवार शाम के वक्त हुआ। मुजफ्फरनगर के संधावली से तीन बसों में ये सभी बच्चे टूर पर आए हुए हैं। दोपहर में उन्होंने भारतीय वन अनुसंधान संस्थान का भ्रमण किया।
इसके बाद वे विकासनगर से करीब आठ किलोमीटर दूर इमामबाड़ा अंबाड़ी पहुंचे। इस बीच छह बच्चे डाकपत्थर बैराज के पास यमुना नदी की तरफ चले गए। इनमें से अनवर (17 वर्ष) पुत्र मोहम्मद मूल निवासी लंकरचे कारगिल लददाक, मोहम्मद हुसैन (17 वर्ष) मूल निवासी सोत कारगिल और मोहम्मद जफर अली (13वर्ष) पुत्र मोहम्मद अली मूल निवासी लंकरचे कारगिल नदी में नहाने उतर गए। जबकि उनके साथी छात्र वहीं किनारे बैठ गए।
डूबे छात्रों की तलाश में रेस्क्यू चलाया
इसी दरम्यान मोहम्मद जफर पानी तेज बहाव में बहने लगा, यह देख अनवर व हुसैन उसे बचाने के लिए गहरे पानी में उतर उतरे और देखते ही देखते दोनों डूब गए। साथी छात्रों की चीख पुकार सुनकर बैराज रोड से गुजर रहे आदिल और इकराम ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन वह अनवर को ही बचा पाए। बाकी तेज बहाव में गुम हो गए।
अनवर को स्थानीय लोगों ने पास स्थित कालिंदी अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। जल पुलिस और स्थानीय तैराकों ने नदी में डूबे छात्रों की तलाश में रेस्क्यू चलाया, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। जल पुलिस के देरी से पहुंचने पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की।
टूर में साथ आए शिक्षक मौहम्मद हैदर ने बताया कि ये बच्चे बगैर बताए नहाने चले गए थे। थानाध्यक्ष ने बताया कि लापता छात्रों की तलाश की जा रही है। टूर में साथ आया स्टाफ भले ही बच्चों के बगैर अनुमति के नहाने जाने की बात कह रहा हो, लेकिन सवाल सुरक्षा का है। बच्चे कैसे वहां से निकल कर नदी तट पर पहुंच गए, उनकी देखरेख में किसकी ड्यूटी लगाई थी, उनके स्तर पर क्यों लापरवाही बरती गई, इन सवालों को स्टाफ के पास कोई जवाब नहीं है।