नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज यमुना लिंक नहर मामले पर हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई 22 फरवरी तक के लिए टाल दी है। इस मामले पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील रामजेठमलानी ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की और कहा कि 11 मार्च के बाद इस पर सुनवाई हो ताकि चुनाव का परिणाम आ जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि कोर्ट को चुनाव परिणाम से क्या लेना-देना ? तब रामजेठमलानी ने कहा कि योर लार्डशिप, आपको इंतजार करने की जरूरत नहीं है लेकिन हम कर रहे हैं। उसके बाद कोर्ट ने उनसे 20 फरवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 22 फरवरी के लिए टाल दी । इससे पहले 18 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद पर उसके फैसले को हर हाल में लागू करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा एवं पंजाब सरकार को उसके फैसले को लागू करने के लिए कड़ाई से कदम उठाने को कहा। कोर्ट ने कहा कि उनका फैसला कैसे लागू होगा ये संबंधित पक्षों को तय करना है। हरियाणा सरकार द्वारा दायर याचिका पर पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जवाब देने के लिए और समय की मांग की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को तीन हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव, पंजाब के गृह सचिव और डीजीपी की रिपोर्ट के मुताबिक पाया था कि यथास्थिति बहाल रखी गई है । सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों अधिकारियों को रिसीवर नियुक्ता किया हुआ है।
सुनवाई के दौरान केन्द्र ने कहा था कि कोर्ट का हालिया फैसला तब तक लागू नहीं हो सक्ता जब तक पंजाब का कानून रद्द नही होता । ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति के रेफरेंस पर फैसला केवल सलाह मात्र है । केन्द्र ने कहा कि हरियाणा ने पंजाब के कानून को चुनौती नहीं दी है और कघनून अभी रद्द नहीं हुआ है। वो अभी लागू है। पंजाब की तरफ से कहा गया था कि केंद्र को राज्यों से संबंधित मसलों को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।