लोहे की तार पर रेंग रही लोगो की जिंदगी Tons River
हमारे राज्य गठन के बाद कई सरकारें आई और गई ,लेकिन देहरादून- उत्तरकाशी जनपद की सीमा का विभाजन करने वाली टोन्स (Tons River) और पावन नदी के उस पार बस से बंगाण क्षेत्र के लोगों की जिंदगी पिछले कई वर्षों से लोहे की तार पर कट रही है। अरसे से टोंस वह पावन नदी पर प्रस्तावित झूलापुल बनाने की मांग कर रहे। फिर भी लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है।
ऐसे में लोगों को नदी के इस पार से उस पार आने जाने का लोहे की तार का सहारा लेना पड़ रहा है। उफनती नदी के ऊपर बंधी करीब 60 मीटर लंबी है , इस लोहे की डोर पर जिंदगी कहां साथ छोड़ दे कह नहीं सकते। देहरादून- उत्तरकाशी जनपद के सीमावर्ती बंगाण क्षेत्रवाद जौनसार-बावर की सीमांत तहसील सिवनी क्षेत्र के कई गांव एक- दूसरे से जुड़े हैं।
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बाजार और पर्यटन नगरी हनोल के पास टोंस (Tons River) व पावन नदी के उस पार बसे बंगाण क्षेत्र के भखवाण, रुद्रसूण, रावना ,घोरियाना समेत आसपास के दर्जनभर गांव में बड़े सैकड़ों लोगों का मुख्य बाजार त्यूनी पड़ता है। देहरादून -उत्तरकाशी जनपद की सीमा का विभाजन करने वाली टोंस व पावर नदी के उस पार से बंगाण क्षेत्र के एक गांव की ग्रामीण जनता के आने -जाने का रास्ता चुने बाजार व हनोल से होकर गुजरता है।
बाजार आने -जाने को लोहे की तार के सहारे गुजरना पड़ता है
नदी के इस पार से उस पार बसे इन गांवों तक कोई पहुंच मार्ग नहीं है, जिससे इन ग्रामीणों को गांव से त्यूनी बाजार आने -जाने को लोहे की तार के सहारे गुजरना पड़ता है। टोंस नदी के उस पार बसे बांगडण क्षेत्र के सांद्रण, सांग, भखवाण पावर नदी के उस छोर पर बसे रवाना भूटानी पंचायत वासियों को उफनती नदी के ऊपर बंधी लोहे की करीब साठ मीटर लंबी डोर के सहारे आर-पार गुजरना पड़ता है।
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ग्रामीणों की माने तो बंकवार्ड पंचायत में पिछले एक दशक में घास लकड़ी व अन्य घरेलू सामान को लोहे की तार के सहारे टोंस नदी के इस पार से उस पार ले जाते वक्त संतुलित बिगड़ने से गुर्जर समाज के आधा दर्जन लोगों की जानें चली गई। भूटान में क्षेत्र पंचायत सदस्य केवला चौहान चतर रावत आदि ने कहा कि ग्रामीण लंबे समय से चूड़ी बाज़ार के नजदीकी पावर नदी पर प्रस्तावित कंफर्म हुआ।
रवाना के बीच और हनोल के पास पवार नदी पर प्रस्तावित वेली प्यारीवसुंधरा के पास झूला पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही बेपरवाह सिस्टम के आगे बेबस ग्रामीण जनता बाजार से घरेलु सामान, लकड़ी वगेरह को लोहे की तार पर नदी के रास्ते लाने ले जाने को मजबूर है।