क्या आप जानते हैं टूथब्रश में नीले रेशे क्यों होते है?

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क्या आपको पता है कि टूथब्रश के रेशे में कुछ भाग नीला क्यों होता है?वास्तव में यह बहुत महत्वपूर्ण है और यह आपको बताता है कि किस वक्त टूथब्रश को बदल देना चाहिए। जी हां, लोग अपने टूथब्रश का इस्तेमाल उस समय तक करते रहते हैं जब तक वह खत्म न हो जाये या एक से दो साल तक इसका इस्तेमाल करते है।
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लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक वर्ष में कम से कम चार बार टूथब्रश को बदलना चाहिए या यूं कहें कि आपको तीन महीने से ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए या जब भी बीमार हो तो भी तुरंत इसे बदल दें। और इस संबंध में नीले रंग के रेशे बताते हैं कि टूथब्रश बदले का समय हो गया है। यानी जब नीला रंग हलका होने लगे तो यह इशारा होता है कि अब इसकी जगह किसी और ब्रश को खरीदना चाहिए।
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विशेषज्ञों के अनुसार मसूड़ों की समस्या अन्य बीमारियों का शिकार रहने वालों को तो रंग धीमा पड़ने का इंतजार भी नहीं करना चाहिए बल्कि बहुत जल्द इसे बदल देना चाहिए। टूथब्रश के इन रेशों को ऐसे रंग से रंगा जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो और आमतौर पर वह नीला ही होता है। ब्रश करने के साथ यह नीला रंग धीरे-धीरे धीमा पड़ने लगता है और जब यह पूरी तरह खत्म हो जाये तो यह इशारा होता है कि अब इसका अधिक उपयोग न करें, वैसे तो हलका होने पर भी बदलना ज्यादा बेहतर होता है।
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दो से तीन महीने पूराने की तुलना में नए टूथब्रश मुंह के कीटाणुओं को तीस प्रतिशत ज्यादा समाप्त करता है। जबकि पुराने टूथब्रश से मसूड़ों के टीसूज को नुकसान पहुंचने की संभावना भी होती है। और हाँ, ब्रश के रेशों पर कीटाणुओं का विकास भी बहुत तेजी से होता है जो कि नजला जुकाम और गले में खराबी का कारण भी हो सकता है।