Tourism and Hospitality Skill Council
रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की दिशा में बढ़ा कदम
देहरादून। Tourism and Hospitality Skill Council रिस्पॉन्सिबल और सस्टेनेबल टूरिज्म की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ते हुए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल (टीएचएससी) के साथ एक एम ओ यू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किया। एमओयू पर हस्ताक्षर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में राजन बहादुर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, टीएचएससी और पूनम चंद अपर निदेशक, उत्तराखंड पर्यटन ने किए।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, उत्तराखंड की मेहमानवाजी पूरे देश के साथ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह साझेदारी इसमें नया अध्याय जोड़ते हुए पर्यटन व्यवसाय में काम कर रहे लोगों को प्रशिक्षण के माध्यम से हमारी मेहमानवाजी को और प्रसिद्धि दिलाएगी।
जब यहाँ के टैक्सी ड्राइवर, गेस्ट हाउस एवं ढाबा संचालक एवं टूरिस्ट गाइड बाहर से आए पर्यटकों को उनकी ही भाषा में अभिवादन करने के साथ पूरे प्रवास तक मार्गदर्शन करेंगे तो इससे पर्यटकों को अपनेपन की अनुभूति होगी और वो इन पर्यटकों को उत्तराखंड बार बार आने के लिए प्रेरित करेगी साथ ही यह साझेदारी पर्यटकों के लिए उत्तराखंड की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य और करीब से देखने का अवसर भी प्रदान करेगी। इस साझेदारी से न केवल संस्कृतियों का आदान प्रदान होगा अपितु स्वरोजगार सृजन भी होगा”।
सचिन कुर्वे, पर्यटन सचिव, उत्तराखंड सरकार ने कहा, उत्तराखंड पर्यटन को देश में एक नई ऊँचाई प्रदान करने के लिए हम प्रयासरत रहते हैं। यह समझौता ज्ञापन उसी दिशा में हमारा प्रयास है।
राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई गति प्रदान करनी है : Satpal Maharaj
प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य आगामी चार धाम यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के साथ राज्य के पर्यटन परिदृश्य में पहले से ही कार्यरत नागरिकों की तकनीकी और व्यवहारिक क्षमताओं को विकसित करने, सामाजिक विकास, स्वरोजगार एवं उद्यमिता के अवसरों को सुनिश्चित करने अलावा राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई गति प्रदान करनी है।
इस समझौता ज्ञापन के तहत धार्मिक अथवा अन्य पर्यटन के लिए बाहर से आए मेहमानों के यथोचित सत्कार एवं उनकी ही भाषा में अभिवादन कर उन्हें अपनेपन का अहसास दिलाने के साथ सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थल के नाते उत्तराखंड राज्य की विरासत को एक नई ऊँचाई पर ले जाना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत 4000 लोगों को अपस्किल और रिस्किल के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा जिनमें हेरिटेज टूर और नेचर गाइड के साथ-साथ धार्मिक अथवा चारधाम रूट पर ढाबा व गेस्ट हाउस संचालक एवं टैक्सी ड्राइवर शामिल हैं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रशिक्षुओं द्वारा पर्यटकों को जिम्मेदार पर्यटन के बारे में अवगत कराने के विषय के अतिरिक्त डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और उद्यमिता एवं स्वरोजगार विकास जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य के सभी 13 जनपदों में संचालित किया जाएगा।
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