चमोली, । राजकीय पाॅलीटेक्निक, घिंघराण में कटिंग एज स्तर पर कार्मिकों का 12 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान शुक्रवार को जिला जज प्रदीप पंत ने विधिक सेवाओं के संबध में जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि सरकारी सेवा में कार्मिक सरकार की एजेन्सी की रूप में कार्य करता है। सरकारी कार्मिकों पर सरकार की योजनाओं को निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से पात्र व्यक्तियों तक पहुॅचाने का बहुत बडा उत्तरदायित्व होता है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्मिक को अपनी सेवा के दौरान संविधान के अनुसार आम आदमी के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करनी होगी। किसी भी स्थिति में आम आदमी के मौलिक अधिकारों का हनन नही होना चाहिए। जिला जज ने कहा कि भारत के इतिहास में भारत के संविधान का निर्माण एक महत्वपूर्ण घटना है। संविधान निर्माण से पहले भारत के इतिहास में कभी भी ऐसा विकास देखने को नही मिला जो संविधान निर्माण के बाद हुआ है।
उन्होंने कहा कि संविधान का निर्माण हम भारत के लोगों ने किया है इसलिए संविधान की रक्षा करना एवं संविधान में उल्लेखित धाराओं एवं नियमों का पालन करना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेन्सी के रूप में कार्य कर रहे सरकारी कार्मिकों को पूरी जिम्मेदारियों के साथ सरकार द्वारा सौंपे गये दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। विदित हो कि भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की प्रशिक्षण नीति के तहत ग्रुप-बी व ग्रुप-सी के कार्मिकों को तराश कर कार्य के सटीक संपादन हेतु कटिंग एज स्तर पर (सेवा प्रवेश प्रशिक्षण) राजकीय पाॅलिटेक्निक घिंघराण में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।इस अवसर पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवी प्रकाश शुक्ला, परावधिक कार्यकर्ता रूद्र सिंह भण्डारी, दीपक नेगी, महेन्द्र शर्मा, नोडल अधिकारी व जीएमडीआईसी डा0एमएस सजवाण, समन्वय नेहरू युवा केन्द्र योगेन्द्र धसमाना, अपर कृषि अधिकारी जीतेन्द्र भाष्कर एवं प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।