Transgender woman rape case
हाईकोर्ट ने गृह सचिव को 10 दिन के जवाब दाखिल करने को कहा
नैनीताल। Transgender woman rape case सोमवार को लिंग परिवर्तन कर पुरुष से महिला बनी ट्रांसजेंडर महिला मामले में कोर्ट की सुनवाई के बाद नया मोड़ आ गया है। इस मामले में ट्रांसजेंडर महिला अपने मंगेतर के उपर बलात्कार करने का मामला दर्ज कराया था पर पुलिस ने अप्राकृतिक यौन शोषण की धाराओं में मामला दर्ज किया था।
इस प्रकरण पर नैनीताल हाईकोर्ट ने गृह सचिव को 10 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 मई की तिथि नियत की है। कोर्ट ने पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के नालसा बनाम भारत सरकार के निर्णय का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुुसार एक ट्रांसजेंडर महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसने 2017 में कोटद्वार थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी कि वह और कोटद्वार निवासी एक युवक मुंबई के पांच सितारा होटल में जॉब करते थे।
लिंग बदलकर महिला बन गई
दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। इस दौरान वह अपना लिंग बदलकर महिला बन गई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि शादी का बहाना बनाकर उसे कोटद्वार बुलाया और उसके साथ रेप किया। अप्राकृतिक यौन शोषण का मुकदमा दर्ज कर दिया।
मामले की रिपोर्ट याचिकाकर्ता ने कोटद्वार थाने में आईपीसी की धारा 376 में दर्ज कराई, लेकिन कोटद्वार पुलिस ने 377 अप्राकृतिक यौन शोषण का मुकदमा दर्ज कर दिया। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि वो जो बनना चाहते है बन सकते हैं। लेकिन आईओ व सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के व्याख्या से विरुद्ध जाकर कहा है कि याची जन्म से पुरुष है तो इन्हें पुरुष माना जाएगा।
पक्षों की सुनवाई के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सोमवार को गृह सचिव को 10 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के नालसा बनाम भारत सरकार के निर्णय का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।