Transit camp rudrapur murder case
चारों के शव घर में ही किए दफन
दोस्त के साथ मिलकर दिया घटना को अंजाम
घर के अंदर परिवार के चार लोगों के शव गड़े होने की सूचना से मचा हड़कंप
आईजी कुमाऊं अजय रौतेला, एसएसपी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे
हत्या करने और शव दफनाने में बेटी ने भी दिया साथ
रुद्रपुर। Transit camp rudrapur murder case ट्रांजिट कैंप थाने के अंतर्गत राजा काॅलोनी में प्राॅपर्टी के लालच में बेटी ने अपने पति और उसके दोस्त के साथ मिलकर अपने मां-बाप और दो सगी बहनों को मौत के घाट उतार कर सभी के शव घर में ही दफना दिए। बताया जा रहा है दामाद ने लगभग एक वर्ष पहले घटना को अंजाम दिया था।
जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने राजा काॅलोनी में स्थित ससुर के घर में शवों की खोजबीन के लिए खुदाई शुरू कर दी है। जानकारी मिलने पर आईजी कुमाऊं अजय रौतेला और एसएसपी दलीप सिंह कुंवर भी मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने आरोपी बेटी और उसके पति को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। वारदात सामने आने के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
बताया जा रहा है कि हीरालाल 55 वर्ष, उसकी पत्नी हेमवती 45 वर्ष और दो बेटियां पार्वती 24 वर्ष और दुर्गा 20 वर्ष रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में निवास करते थे। उन्होंने अपनी सबसे बड़ी बेटी लीलावती की शादी नरेन्द्र गंगवार से की थी।
शादी के बाद से नरेन्द्र भी उनके पास रहता था। बताया जा रहा है कि 2015 में प्राॅपर्टी को लेकर हीरालाल और नरेन्द्र के बीच विवाद हुआ। नरेन्द्र और उसकी पत्नी लीलावती पूरी प्राॅपर्टी हड़प लेना चाहते थे, जबकि हीरालाल की दो और बेटियां थीं।
चारों के शव घर में ही खोद कर दफन कर दिए
उन्होंने जब पूरी प्राॅपर्टी नरेन्द्र के नाम करने से इन्कार कर दिया तो वह अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ अलग रहने लगा। पिछले साल 20 अप्रैल 2019 में नरेन्द्र, उसकी पत्नी लीलावली और उसके किराएदार विजय ने प्लान बनाकर चारों को मौत के घाट उतार दिया।
पूछताछ में नरेन्द्र ने बताया कि बीते साल 20 अप्रैल को तीनों ने मिलकर पहले ससुर और साली की हत्या की। फिर बाहर से दूध लेकर लौटी सास और साली को भी मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद तीनों ने चारों के शव वहीं घर में ही खोद कर दफन कर दिए।
नरेन्द्र के ससुर हीरालाल का बरेली के मीरगंज में मकान और 12 बीघा खेत है। जिसकी देख रेख वहां दुर्गाप्रसाद करते हैं। नरेन्द्र का उसी प्राॅपर्टी को अपने नाम कराने को लेकर ससुर से विवाद हुआ था।
उसके बाद ही वह और उसकी पत्नी बच्चों के साथ रुद्रपुर स्थित ट्रांजिट कैंप वाले मकान से निकलकर अलग रहने लगे थे। अगस्त में नरेन्द्र बरेली मीरगंज गया था। जहां मकान और खेतों की देख रेख कर रहे दुर्गाप्रसाद को उसने बताया कि उसके ससुर और साली की मौत हो चुकी है।
जिनका उसने पिछले साल ही अंतिम संस्कार कर दिया था। जबकि सास और सली एक साल से लापता हैं। लिहाजा वह प्राॅपर्टी अब नरेन्द्र के नाम कर दें।
दुर्गा प्रसाद को नरेन्द्र की बात पर संदेह हुआ, जिसके बाद वे रुद्रपुर आ गए। आसपास के लोगों से पूछताछ की पता चला कि मकान एक साल से बंद है।
उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने जब हिरासत में लेकर पूछताछ की तो नरेन्द्र ने पत्नी और साथी विजय के साथ मिलकर हत्या की बात कबूली।
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