Trivendra government
विकासनगर। Trivendra government जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि त्रिवेन्द्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के सात महीनों में फिर 4200 करोड़ का कर्ज लिया है तथा इसी क्रम में माह अपै्रल में 500, मई में 600, जून में 500, जुलाई में 1050, अगस्त में 450, सितम्बर में 850 एवं अक्टूबर में 250 करोड़ का ऋण लिया है, जो कि अपने आप में इस प्रदेश को गिरवी रखने के लिए काफी है।
सरकार द्वारा नाबार्ड से इन 7 महीनों में 201 करोड़ का कर्ज विकास कार्य हेतु लिया गया है। पूर्व की सरकारों का 40-50 हजार करोड़ पहले से ही बकाया चल रहा है। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने हैरानी जतायी कि अधिकांश मदों हेतु प्रदेश सरकार को भारत सरकार से अनुपातिक केन्द्रीय सहायता प्राप्त हो रही है|
प्रदेश में लगातार हो रही राजस्व में गिरावट दर्शाती है कि सरकार गलत लोगों के हाथों में खेलकर अपनी तिजोरी भर रही है।‘‘सरकार अगर इसी गति से ऋण लेती रही तो सरकार को ब्याज की रकम चुकानी ही मुश्किल हो जायेगी तथा ब्याज चुकाने के लिए भी ऋण लेना पड़ेगा।’’
850 करोड़ रूपया ब्याज का प्रतिवर्ष चुकाना पड़ेगा
वर्तमान सरकार को आज की तारीख में अपने हिस्से का लगभग 850 करोड़ रूपया ब्याज का प्रतिवर्ष चुकाना पड़ेगा। नेगी ने कहा कि जब उत्पादक मदों हेतु नाबार्ड से कर्जा लिया जा रहा है तो ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस कर्ज से कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन, मीड़िया आदि अनुत्पादक कार्यों में धन खर्च कर रही है, जबकि कर्ज सिर्फ और सिर्फ उत्पादकता के मद में खर्च होनी चाहिए थी।
मोर्चा ने सी0एम0 से मांग की है कि निजी हित छोड़कर प्रदेश हित में कार्य करें वरना वो दिन दूर नहीं जब प्रदेश गिरवी हो जायेगा। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, विजयराम शर्मा, प्रवीण शर्मा पीन्नी, जाबिर हसन थे।
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