इस्लाम का ऐसा सच जो आपने आज तक कभी नहीं सुना होगा

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Islam का ऐसा सच जो आपने आज तक कभी नहीं सुना होगा

इस्लाम अरबी का शब्द है, जिसका अर्थ है। शांति को अपनाना या उसमें प्रवेश करना होता है। इस लिहाज से मुसलमान होने का सही मतलब उस व्यक्ति से है जो इंसान से लेकर परमात्मा तक सभी के साथ पूरी तरह शांति और सुकुनभरा रिश्ता रखता हो। इस तरह Islam धर्म का मूल रूप यही है कि एक ऐसा धर्म जिसके जरिए एक इंसान दूसरे इंसान के साथ प्रेम और अहिंसा से भरा व्यवहार कर खुदा की पनाह लेता है।

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इस्लाम धर्म के प्रर्वतक हजरत स0ल0 मुहम्मद साहब थे। उनका जन्म सन 570 ई0 में हुआ माना जाता है। भारतीय इतिहास के नजर से जब हिन्दुस्तान में हर्षवर्धन और पुलकीसीयन का शासन था। तब हजरत मुहम्मद (स0व0) साहब अरब देशों में इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार कर रहे थे। इस्लाम धर्म की बुनियाद कुरान, सुन्नत और हदीस है कुरान वह पवित्र ग्रंथ है, जिसमें हजरत मुहम्मद (स0व0) साहब के पास ईश्वर के भेंजे संदेश शामिल हैं। सुन्नत में हजरत मुहम्मद (स0व0) साहब के किये गये कार्य शामिल हैं। वहीं हदीस ऐसा ग्रंथ है जिसमें हजरत मुहम्मद (स0व0) साहब के संदेश शामिल हैं। यानि इस पवित्र ग्रंथ में मुहम्मद साहब के जीवन की बातों के अलावा सुन्नत भी लिखा गया है।
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Islam धर्म का मूल मंत्र

इस्लाम धर्म का मूल मंत्र क्या है? इस्लाम का मूल मंत्र है कि अल्लाह के अलावा कोई और पूजनीय (इबादत के लायक) नहीं है। हजरत मुहम्मद (स0व0) साहब ही उनके रसूल हैं यानी सच्चा मुसलमान वही होता हैं, जो न केवल अल्लाह को माने बल्कि इसके साथ-साथ यह भी माने कि हजरत मुहम्मद साहब ही अल्लाह के पैगंबर, नबी और रसूल हैं। कुरान में वह आयते शुमार हैं जो हजरत मुहम्मद (स0व0) साहब के मुंह से उस वक्त निकले थे जब वह पूरी तरह ईश्वरीय प्रेरणा में डूबे हुए थे।
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इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक ईश्वरीय आयते देवदूतो (फरिश्तो) के जरिये हजरत मुहम्मद साहब तक पहुंचाते थे। इन पवित्र आयतो का संकलन ही कुरान है। कुरान की आयते पैगम्बर को 23 वर्षों तक वक्त-वक्त पर हासिल हुई जिनको उन्होंने कभी लकड़ियों तो कभी ताल पत्रों पर लिखा। इन 23 सालों के दौरान हजरत मुहम्मद साहब 13 साल मक्का और 10 साल मदीना में रहे। उनके बाद पहले खलीफा अबू बकर ने हजरत मुहम्मद साहब की संकलित इन सभी आयतों का सम्पादन किया और पवित्र कुरान तैयार किया, जो प्रमाणिक मानी जाती है।