Tumors of Eight kilogram
रुद्रप्रयाग। मुख्यालय स्थित बोहरा नर्सिंग होम में एक मरीज के पेट से आठ किलो का ट्यूमर ( Tumors of Eight kilogram ) निकालने में सफलता हासिल की गयी। ट्यूमर निकालने से मरीज ने राहत महसूस की। इससे पहले मरीज इलाज को लेकर दिल्ली, देहरादून, ऋषिकेश, श्रीनगर चक्कर लगा चुका था, मगर आखिर में उसे बोंहरा नर्सिग होम में ही सफलता मिली।
बोहरा नर्सिंग होम में एक माह के भीतर छः लोगों के पेट से बड़े भारी वजन के ट्यूमर निकाले गये हैं और सभी आॅपरेशन सफल रहे हैं। जिले के चोपता निवासी सुशाली देवी उम्र 56 के पेट में काफी समय से दर्द की शिकायत थी। जब उसके पेट में दर्द ज्यादा बढ़ने लगा तो परिजन दिल्ली ले गये, मगर चिकित्सकों ने इलाज के लिए मना कर दिया।
इसके बाद परिजनों ने देहरादून, ऋषिकेश, श्रीनगर भी दिखाया, लेकिन डाॅक्टरों ने हाथ खड़े कर दिये। श्रीनगर में सुशीला देवी के परिजनों को किसी ने बताया कि रुद्रप्रयाग में बोंहरा नर्सिंग होम में ट्यूमर के बेहतर इलाज किया जाता है। परिजनों ने बात मानकर सीधे मरीज को बोहरा नर्सिंग होम ले आये और इलाज करवाया।
बोहरा नर्सिंग होम के वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ आनंद सिंह बोंहरा ने अन्य चिकित्साकों की मदद से मरीज का डेढ़ घंटे में सफलतापूर्वक इलाज किया। मरीज का इलाज होने के बाद परिजनों ने डाॅ बोहरा का आभार जताया। उन्होंने बताया कि मरीज के इलाज के लिए काफी जगह प्रयास किया, लेकिन आखिर में खुशी बोहरा नर्सिंग होम में मिली और सस्ते दामों में भी इलाज हो पाया।
इलाज के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली
बोहरा नर्सिंग होम के वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ आनंद सिंह बोहरा ने बताया कि एक माह के भीतर छः लोगों में ट्यूमर की शिकायत पायी गयी और उनका इलाज भी किया गया। इलाज के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली। इन मरीजों के पेट से पांच से आठ किलो तक के ट्यूमर को निकाला गया है।
पेट में ट्यूमर बढ़ने से दर्द भी ज्यादा होने लगता है। ऐसे में इसको समय से निकाला जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि रामपुर निवासी सरोजनी देवी उम्र 58 के पेट से पांच किलो, जगोठ निवासी पूजा देवी उम्र 46 के पेट से छः किलो, भटवाड़ी की मीना देवी के पेट से पांच किलो का ट्यूटर निकाला गया है।
बताया कि इन दिनों ट्यूमर की शिकायतें ज्यादा आ रही हैं। ग्रामीण लोग जानकारी के अभाव में ट्यूमर के इलाज के लिए बाहरी शहरों का रूख करते हैं, जबकि रुद्रप्रयाग में सस्ते दामों पर ट्यूमर का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा पथरी, पित्ताशय, गुर्दे, गदूद, हर्निया सहित जनरल एवं सर्जिकल के आॅपरेशन किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण जनता को जानकारी के अभाव में बाहरी शहरी की ओर रूख न करना पड़े, इसके लिए अक्टूबर एवं नवंबर माह में कैंप लगाये जायेंगे।