मध्यप्रदेश ट्रेन धमाके में शामिल थे 20 आतंकी, लखनऊ आतंकी घटनाक्रम का ऐसे हुआ खुलासा

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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में भोपाल-उज्जैन ट्रेन में हुए बम धमाके एवं उसके बाद उत्तर प्रदेश में हुए मुठभेड़ में मारे गए गए आतंकी के तार आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हैं। पुलिस सूत्रों माने तो  इनमें से 3 आतंकी लखनऊ से ट्रेन के द्वारो भोपाल पहुंचे थे, फिर वहां से उज्जैन को जा रही ट्रेन में बैठे। वहीं गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम में 18-20 व्यक्ति शामिल हैं। बाकि सदस्यों की तलाश जारी है। इस घटनाक्रम में उत्तर एवं दक्षिण भारत के युवा शामिल हैं, जो आईएसआईएस के लिए कार्य कर रहे हैं। साथ ही खुफिया एजेंसी ने यह भी मान हैं कि ये घटनाक्रम का कंट्रोल दक्षिण भारत से हुआ और ऑपरेट उत्तर एवं मध्य भारत में हुआ।

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सूत्रों के अनुसार आतंकियों ने ट्रेन में पाइप बम प्लांट किया और उन्होंने इसकी तस्वीरें सीरिया भी भेजी। एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी यह दावा करते हुए कहा कि ट्रेन धमाके आईएसआईएस आतंकियों का कार्य था।
गौरतलब है कि उज्जैन की तरफ जा रही भोपाल-उज्जैन यात्री ट्रेन सुबह लगभग 10 बजे के करीब कालापीपल में जबड़ी स्टेशन के पास से गुजर रही थी, तभी ट्रेन में धमाका हुआ। इस धमाके में चार व्यक्ति घायल हो गए, जबकि ट्रेन के एक हिस्से की छत में छेद हो गया। पहले खबर आई थी कि ट्रेन में मोबाइल चार्जिंग के दौरान ब्लास्ट हुआ। हालांकि जब मध्यप्रदेश पुलिस ने घटना की जांच शुरू की, तब पता चला कि यह धमाका पाइप बम के द्वारा किया गया। इस संबंध में पुलिस ने पिपरिया के पास एक बस से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ में दो संदिग्धों के यूपी में होने की खबर मिली।

इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस हरकत में आई और एटीएस ने कानपुर एवं इटावा से 3 अन्य आतंकियों फैज़ान, इमरान व फैज़ल को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, सभी आरोपी आतंकी आईएसआईएस खुराशान के लखनऊ-कानपुर घटनाक्रम के सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, मध्यप्रदेश पुलिस से मिली सूचना के आधार पर कानपुर से 2 संदिग्धों मोहम्मद फैसल खां (निवासी कानपुर) मोहम्मद इमरान उर्फ भाई जान (निवासी जाजमऊ) एंव इटावा से रिशु (पुत्र बाबू खां) की गिरफ्तारी हुई। पुलिस के अनुसार, कानपुर से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों के पास से एक लैपटॉप और कुछ मोबाइल मिले हैं। लैपटॉप में आईएसआईएस से जुड़े वीडियो एवं साहित्य मिले हैं।

साथ ही पुलिस को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में स्थित एक घर में सैफुल्ला नाम के आतंकी के छिपे होने की खबर मिली। पुलिस के अुनसार शुरुआत में उनकी कोशिश आतंकी को जिंदा पकड़ने की थी और इस वजह से ऑपरेशन काफी लंबा चला। आखिरकार यूपी एटीएस ने 11 घंटों की कोशिश के बाद सैफुल्ला को मार गिराया और ऑपरेशन खत्म होने की घोषणा की।