देर तक फेसबुक पर टिके रहना दे रहे हैं मौत को दावत!

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आज कल नये जनरेशन के युवा फेसबुक का सबसे अधिक प्रयोग कर रहे हैं। ड्राइविंग के दौरान, मीटिंग के बीच एंव वक्त-बेक्त करने लगते हैं, तो हम आपको बता दे की यह दिमाग के सिस्टम के बीच संतुलन की कमी हो सकती है। शोध में इस बात का पाता चला है कि आपका संतुलन जितना भी खराब होगा, सोशल मीडिया पर आप उतनी ही बेताबी से बार-बार फेसबुक पर जाएंगे। यूएस के शोधकर्ताओं ने 340 अंडरग्रैजुएट कॉलेज स्टूडेंट्स से डेटा जुटाया, जो फेसबुक का प्रयोग करते हैं। शोध में पाया गया कि जो लोग फेसबुक पर अधिक देर तक प्रयोग करते थे, उनके सिस्टम-1 व सिस्टम-2 में अन्तर पाया गया। उनका इमोशनल प्रीऑक्युपेशन मजबूत पाया गया एंव कोग्निटिव-बिहेविअरल कंट्रोल सिस्टम कमजोर पाया गया। यही असंतुलन उनमें सोशल मीडिया को लेकर बेसब्री पैदा कर देती है। शोध के सदस्य हमीद का कहना है कि सिस्टम-1 अपने आप ही सोशल मीडिया के नोटिफिकेशन एंव रिऐक्शंस को लेकर सक्रिय हो जाता है।

वहीं सिस्टम-2 रीजनिंग सिस्टम होता है, जो धीरे-धीरे मूव करता है। यह व्यवहार आपको संतुलित बनाए रखता है। उन्होंने बताया कि सिस्टम-2 आपको इस तरह की गैर-जरूरी हरकतें न करने के लिए नियंत्रित करता है। शोध में पाया कि 76 फीसदी लोगों ने माना कि वे क्लास में भी फेसबुक का प्रयोग करते हैं। वहीं, चालीस फीसदी लोग ऐसे थे, जो ड्राइविंग करते हुए फेसबुक चलाने की बात स्वीकार करते है। 62 फीसदी लोग ऐसे भी थे, जो लोगों से बातचीत करते हुए भी फेसबुक पर टिके रहते है। व 64 प्रतिसत लोग अपने काम को छोड़कर फेसबुक चलाते हैं, ऐसा उन्होंने स्वीकार किया।