Untreated water should not enter Ganga
देहरादून। Untreated water should not enter Ganga सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय गंगा समिति की नवीं बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि गंगा में ड्रेनेज का अशोधित जल नहीं जाना चाहिए|
साथ ही ऐसे स्थल जो सीवर लाइन से जुड़े नहीं हैं, का सेप्टेज मैनेजमेंट भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव ने देवप्रयाग, गंगोत्री, बदरीनाथ में भी सेप्टेज मैनेजमेंट की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि जिन नगरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था नहीं है उनमें सॉलिड वेस्ट के लिये ट्रांसपोर्टेशन एवं प्रोसेसिंग की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण की जाय।
उन्होंने पुराने कूड़े को प्रोसेसिंग कर उसके निस्तारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित नगर निकायों को दिये। मुख्य सचिव ने समस्त जिला विकास समितियों को एनजीटी की गाइड लाइन के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चत करने के निर्देश दिये।
32 एस.टी.पी. में से 29 एस.टी.पी का निर्माण हो चुका है
मुख्य सचिव ने प्रदेश की नदियों में सफाई व्यवस्था बनाये रखने तथा जनपद गंगा समितियों की बैठक नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, चमोली, हरिद्वार के जिलाधिकारियों को दिये, तथा उनकी समस्याओं को भी सुना।
बैठक में अपर सचिव उदयराज सिंह ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि प्रदेश में 32 एस.टी.पी. में से 29 एस.टी.पी का निर्माण हो चुका है जिनमें सीवरेज ट्रीटमेंट चल रहा है।
अवशेष 1 परियोजना जोशीमठ तथा 2 श्रीकोट में निर्माणाधीन है। इन परियोजनाओं की सीवरेज शोधन क्षमता 129 एम.एल.डी है। मुख्य सचिव ने सीवरेज के शोधन की क्षमता परियोजना की क्षमता के अनुरूप विस्तार करने के निर्देश दिये।
वर्तमान में इन परियोजनाओं से 27 एम.एल.डी पानी का शोधन हो रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव नितेश झा, अपर सचिव उदयराज, सदस्य सचिव उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एस.पी. सुबुद्धि उपस्थित थे।
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