UPES partnered with KPMG in India
केपीएमजी यूपीईएस में ‘बिजनेस एनालिटिक्सज’ में भी एमबीए की पेशकश करेगी
देहरादून। UPES partnered with KPMG in India बहुविषयक यूनिवर्सिटी यूपीईएस और केपीएमजी इन इंडिया ने यूपीईएस स्कूल ऑफ बिजनेस में ‘स्ट्रैटेजी एंड कंसल्टिंग’ विषय पर एक एमबीए प्रोग्राम को मिलकर डिजाइन और डिलीवर करने के लिये भागीदारी की है।
विशेषज्ञों की राय और हालिया रिपोर्ट्स’ मजबूती से संकेत देती हैं कि मैनेजमेंट और स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। उद्योग पिछले एक दशक से 15-20 प्रतिशत सीएजीआर के साथ लगातार वृद्धि कर रहा है और कंसल्टिंग फर्म ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी दहाई अंकों में वृद्धि की है।
इस वृद्धि में और भी योगदान दे सकने वाली सही प्रतिभा को विकसित करने के लिये इन दोनों संस्थाओं ने भागीदारी की है, ताकि यूपीईएस स्कूील ऑफ बिजनेस में ‘स्ट्रैटेजी एंड कंसल्टिंग’ में एक विशेषीकृत और सावधानी से तैयार किये गये एमबीए प्रोग्राम की पेशकश हो सके।
केपीएमजी इन इंडिया ‘बिजनेस एनालीटिक्स‘ में एमबीए प्रोग्राम को भी को-डिलीवर करेगी, जिसकी पेशकश बी-स्कूल द्वारा की जा रही है।
इन प्रोग्राम्स में पढ़ाई करने वाले एमबीए के आकांक्षी विद्यार्थियों को कई तरीकों से फायदा होगा, जैसे:
1 . उनकी पहुँच केपीएमजी के विषय विशेषज्ञों तक प्रत्यकक्ष और वर्चुअल लेक्चार्स के माध्यम से होगी।
2. केपीएमजी इन इंडिया के विशेषज्ञ चुनिंदा मॉड्यूल्स पढ़ाएंगे।
3. केपीएमजी विद्यार्थियों के लिये मामलों के अध्ययन और संरक्षित परियोजनाएं प्रदान करेगी, ताकि वे वास्तविक संसार की समस्यााओं पर काम करें और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें। उनका संरक्षण केपीएमजी इन इंडिया के पेशेवर करेंगे।
4. प्रोग्राम पूरा होने के बाद विद्यार्थियों को यूपीईएस से एमबीए की डिग्री और केपीएमजी इन इंडिया से प्रमाणपत्र मिलेगा।
इस भागीदारी पर अपनी बात रखते हुए, यूपीईएस के कुलपति डॉ. सुनील राय ने कहा, “कई पहलुओं में नयापन व्यवसायों को अपनी स्थिरता और वृद्धि की रणनीति पर दोबारा सोचने के लिये विवश कर रहा है। इसके लिये उन्हें विशेषज्ञ पेशेवर चाहिये, जो अभूतपूर्व स्थितियों से उभरने में उनकी सहायता कर सकते हों।
हमें गर्व है कि हम पहली यूनिवर्सिटी हैं, जो ‘स्ट्रै्टेजी एंड कंसल्टिंग’ में एक एमबीए प्रोग्राम की पेशकश कर रही है, वह भी केपीएमजी के साथ भागीदारी में, जिससे हमारे विद्यार्थी निश्चित तौर पर आगे रहेंगे। केपीएमजी इस प्रोग्राम के सह-निर्माण और को-डिलीवर के अलावा हमारे साथ ‘प्रशिक्षक का प्रशिक्षण’ मॉडल पर भी काम करेगी, जिससे हमारे शिक्षक सदस्यों को काफी फायदा होगा।”
केपीएमजी इन इंडिया में शिक्षा एवं कौशल विकास के राष्ट्रीय लीडर नारायणन रामास्वामी ने कहा, “हम संयुक्त रूप से दो एमबीए प्रोग्राम्स् की डिलीवरी हेतु यूपीईएस के साथ मिलकर उत्साहित हैं। यह प्रोग्राम्स तेज गति से बदल रही व्यवसाय की दुनिया में भविष्य के पेशेवरों में उद्योग-संबद्ध कुशलताएं विकसित करने के लिये हैं।
स्थाीपित और स्टार्टअप, दोनों ही प्रकार की कंपनियाँ अपने व्यवसाय के वातावरण को प्रभावित कर रहे। कारकों की परस्पर क्रिया को साधने के लिये लगातार विचार कर रही हैं और अभिनव रणनीतियाँ बना रही हैं। इसी प्रकार, डाटा एनालिटिक्स की कुशलताएं सभी उद्योगों में नौकरी देने वालों की पहली पसंदों में शामिल हैं।
इन व्यावहारिक प्रोग्राम्स् में कई कोर्सेस हमारे अपने पेशेवरों द्वारा प्रदान किए जाएंगे। यह कोर्सेस विद्यार्थियों का उद्योग से परिचय कराएंगे और उन्हें उनकी रूचि के क्षेत्र में मैनेजमेंट में कॅरियर शुरू करने के लिये जरूरी ज्ञान, कुशलताओं और तकनीकों से सुसज्जित करेंगे।” सभी एमबीए प्रोग्राम्स के लिये यूपीईएस स्कूल ऑफ बिजनेस में भर्तियाँ अब शुरू हो चुकी हैं।
यूपीईएस के विषय में:
यूपीईएस की संस्थापना वर्ष 2003 में उत्तराखण्ड विधानसभा के यूपीईएस एक्ट, 2003 द्वारा हुई थी, यह यूजीसी से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी है और इसे एनएएसी से ग्रेड ‘ए’ मिला है। शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने यूपीईएस को भारत में पढ़ाई के लिये टॉप 100 यूनिवर्सिटीज के बीच रैंक किया है|
यूपीईएस का स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग 300 संस्थानों में 91वें नंबर पर, स्कूल ऑफ बिजनेस 100 संस्थानों में 46वें नंबर पर और स्कूल ऑफ लॉ भारत के टॉप 25 संस्थानों में से एक है। इस यूनिवर्सिटी को वैश्विक मान्यता प्राप्त क्यूएस रेटिंग से रोजगार योग्यता (प्लेसमेंट्स) में 5 स्टार मिले हैं और इसने पिछले कुछ वर्षों में 90 प्रतिशत से ज्याोदा प्लेसमेंट्स दिये हैं।
यूपीईएस अपने आठ स्कूलों के माध्यम से ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स की पेशकश करती है। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कंप्यूमटर साइंस, स्कूल ऑफ डिजाइन, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस एंड टेक्नोकलॉजी, स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया और स्कूल ऑफ लिबरल स्टडीज।
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