नई दिल्ली । भारत की सबसे बड़ी जेनेरिक दवा कंपनी सन फाॅर्मा ने यूएस एफडीए द्वारा अपने हलोल प्लांट के निरीक्षण की बात स्वीकारी है। यूएस एफडीए टीम का ये निरीक्षण दवा निर्माण मानकों के उल्लघंन को लेकर हुआ था। यूएस एजेंसी ने पहले ही कंपनी को नोटिस जारी किया था। बुधवार की सुबह दुनिया की पांचवी बड़ी दवा कंपनी सन फाॅर्मा के शेयरों में 4.6 फीसदी की गिरावट देखी गई। ये गिरावट सन फाॅर्मा की इस स्वीकारोक्ति के बाद हुई जिसमें कंपनी ने माना कि यूएस सरकार की एजेंसी, एफडीए (फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन) ने उनके हलोल प्लांट का निरीक्षण किया है। कंपनी ने माना कि यूएस एफडीए ने फाॅर्म-483 जारी किया है, जो कंपनी की दवा निर्माण प्रक्रियाओं में यूएस मानकों के पालन नहीं करने पर जारी किया जाता है।
सन फाॅर्मा के लिए ये चिंता की बात होगी, क्योंकि कंपनी का सबसे बड़ा बाजार यूएस में है। ऐसे में यदि यूएस एफडीए सन फाॅर्मा के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करता है, तो दवा कंपनी को बड़ा घाटा होगा। फिलहाल कंपनी के पार 15 दिनों का समय है, जिसमें कंपनी यूएस एजेंसी के समक्ष अपना पक्ष रखने को स्वतंत्र है। सन फाॅर्मा के मुताबिक वो दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी जेनेरिक दवा उत्पादक कंपनी है। सन फाॅर्मा के मालिक दिलीप सांघी कुछ समय पहले कंपनी शेयरों में उछाल और कंपनी बिजनेस में बढ़ोतरी के चलते भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन बन गए थे।