पॉलिथीन के प्रयोग को सख्ती से रोका जाएगा

Use of polythene will be strictly prevented
कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शनी का अवलोकन करते सीएम।

Use of polythene will be strictly prevented

देहरादून। Use of polythene will be strictly prevented मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, हिमालय दिवस के अवसर पर हिमालयन यूनिटी मिशन, यूसर्क और विज्ञान भारती द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, उत्तराखण्डवासियों के स्वभाव में है।

हरेला जैसे त्यौहार, हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच को बताते हैं। राज्य सरकार, हिमालय के संरक्षण के लिए संकल्पित है। पॉलिथीन के प्रयोग को सख्ती से रोका जाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को भी रोका जाएगा।

मुख्यमंत्री, हिमालय दिवस के अवसर पर सर्वे रोड़ स्थित डूंगा हाउस में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। हिमालयन यूनिटी मिशन, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र और विज्ञान भारती, उत्तराखण्ड द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘हिमालय- विज्ञान, चिंतन व विवेचना’’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय का राज्य व देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्व है।

हिमालय के संरक्षण का दायित्व, हम सभी का है। हिमालय के संरक्षण के लिए यहां की संस्कृति, नदियों व वनों का संरक्षण जरूरी है। जल संरक्षण व संवर्धन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे

जनसहभागिता से जलसंरक्षण के लिए रिस्पना टू ऋषिपर्णा व कोसी नदी का पुनर्जीवन अभियान चलाए गए। प्रत्येक जिले में एक-एक वाटरशेड विकसित करने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

बड़ी खुशी की बात है कि इनमें अन्य लोगों के साथ बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी से पेड़ नहीं बल्कि पेड़ से पानी होता है। अगर पेड़ नहीं होंगे तो पानी भी नहीं होगा।

राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के लिए किसी एक दिन को वृक्षारोपण दिवस के रूप में मनाया जाएगा जिसमें कि पूरे राज्य में एक दिन में ही करोड़ों पौधे लगाए जाएंगे। ऐसा करना सम्भव है।

पूर्व में रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान में एक दिन में देहरादून में 2 लाख 50 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए थे जबकि कोसी पुनर्जीविकरण अभियान में एक दिन में 1 लाख 67 हजार से अधिक पौधे लगाए गए थे। सचिवालय में पानी की प्लास्टिक की बोतलों पर रोक लगा दी गई है।

हिमालयन कान्क्लेव में मसूरी संकल्प पारित किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत में आयोजित हिमालयन कान्क्लेव में मसूरी संकल्प पारित किया गय था। इसमें सभी हिमालयी राज्यों ने हिमालय के पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लिया था।

आरगेनिक व प्राकृतिक खेती आज की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम सभी संकल्प लें तो जल संरक्षण का महत्वपूर्ण काम किया जा सकता है।

टॉयलेट के सिस्टर्न में एक बोतल रख दें तो इससे एक बार में एक लीटर पानी बचाया जा सकता है। अगर राज्य में एक करोड़ टॉयलेट हों तो एक दिन में एक करोड़ लीटर जबकि एक वर्ष में 365 करोड़ लीटर पानी बचाया जा सकता है।

सामाजिक चेतना व इच्छाशक्ति से ये सम्भव है। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धनसिंह रावत, परमार्थ निकेतन के चिदानंद मुनि, पद्मश्री अनिल जोशी, यूसर्क के प्रोफेसर दुर्गेश पंत आदि उपस्थित रहे।

जरा इसे भी पढ़ें

जम्मू कश्मीर-हिमाचल सीमा के पास आए भूकंप के तेज झटके
पॉलिटेक्निक द्वितीय वर्ष के छात्र ने खुदकुशी की
जेठमलानी के निधन पर अधिवक्ता व बुद्धिजीवी तबके में शोक