ग्रामीण महिलाओं ने खुद ही बना दी गांव की सड़क Village road
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के सीमावर्ती गांव पोगठा गांव की महिलाओं ने श्रमदान करते हुए गांव के लिए सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया है। लंबे समय से ग्रामीण सरकार से सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे। सड़क निर्माण न होने पर ग्रामीण महिलाओं ने खुद ही सड़क बनाने का बीड़ा उठा दिया है।
तहसील पोखरी के पोगठा गांव को सड़क से जोड़ने के लिए ग्रामीण महिलाओं और गांव के युवाओं ने सरणा नामक तोक से सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया है। पहले दिन ग्रामीणों ने तीस मीटर की सड़क काटी। करीब पांच किमी सड़क कालिंका देवीसैंण मंदिर परिसर तक बनेगी। सड़क के अभाव में ग्रामीणों को ढाई किमी पैदल चलकर गांव पहुंचना पड़ता है। लंबे समय से ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी और एडवोकेट प्यार सिंह नेगी का कहना है कि पोगठा गांव चमोली जनपद में पड़ता है और जिस जंगल में सड़क काटी जा रही है, वह रुद्रप्रयाग की सीमा में है। यह गांव दोनों जनपदों के बार्डर पर स्थित है। पूर्व में सड़क निर्माण के लिए सर्वे भी हुआ था, लेकिन आज तक सड़क निर्माण की कार्यवाही शुरू नहीं हो पाई। ऐसे में ग्रामीणों ने खुद ही सड़क काटने की ठानी। पहले दिन 30 से अधिक महिलाओं ने श्रमदान करते हुए सड़क काटनी शुरू की। ग्रामीण महिलाएं और युवा गांव तक सड़क पहुंचाकर ही दम लेंगे।
ढाई किमी खड़ी चढ़ाई चढ़कर सड़क पर पहुंचना पड़ता है
पूर्व प्रधान जसदेई देवी, हृदया देवी, हिंवाली देवी, मंगला देवी, सुंदरी देवी, लक्ष्मण सिह नेगी, कुंवर सिंह, जयदीप सिंह, संदीप सिंह, अरूण, उत्तम, प्रविंदर, अब्बल, सुभाष नेगी, गिरीश सिंह का कहना है कि सड़क न होने ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। ग्रामीणों को ढाई किमी खड़ी चढ़ाई चढ़कर सड़क पर पहुंचना पड़ता है। किसी व्यक्ति के बीमार होने पर उसे समय पर उपचार नहीं मिल पाता।
गांव में सामान ढुलान करने में दिक्कतें आती हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कई बार सड़क की गुहार लगाने के बावजूद सड़क के नाम पर रत्ती भर भी काम नहीं हुआ। ऐसे में ग्रामीणों ने खुद ही सड़क बनाने का मन बनाया है। हम सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि सरकारी एजेंसियां भले ही सड़क निर्माण करने में असमर्थ हो, लेकिन गांव के लोग अपनी सड़क बनाकर ही रहेंगे।