Virtual summer camp organized under Samagra Shiksha Abhiyan
बच्चे बोले सर हम सण्डे को भी आएंगे
देहरादून। Virtual summer camp organized under Samagra Shiksha Abhiyan समग्र शिक्षा अभियान उत्तराखण्ड के तत्वाधान में वर्चुअल माध्यम से समर कैम्प का आयोजन हो रहा है। समर कैम्प के तीसरे दिन की शुरूआत जुम्बा डांस से हुई। डांस प्रशिक्षक देवेश विजल्वाण ने बताया कि यह मूलतः एक फिटनेस डांस है। जिसकी शुरूआत लैटिन देशों से हुई थी परन्तु आज यह विश्व भर में प्रचलित है।
इसमें डांस से पहले आइसोलेशन करना होता है, जो एक प्रकार का वार्म-अप है। इसके अन्तर्गत एक समय पर शरीर के एक अंग को चलाया जाता है। वर्चुअल लैब के माध्यम से जुड़े प्रदेश भर के बच्चों ने देवेश जी के साथ कदम मिलाकर जुम्बा का आनन्द लिया।
दिन की अगली गतिविधि में डॉ0 अर्चना गुप्ता एवं मनीषा रावत ने कार्यक्रम मे तहत बच्चों को बताया कि सही ढंग से गाने के लिए गीत को छोटे-छोटे पदों में तोड़कर एवं उनके बीच में सांस लेकर गाना जरूरी है। बच्चों ने ‘हर देश में तू, हर वेश में तू’ गीत का अभ्यास किया।
समर कैम्प जारी रखने का आग्रह किया
राज्य परियोजना निदेशक बंशीधर तिवारी ने कैम्प से जुड़े विभिन्न विद्यालयों के बच्चों एवं शिक्षकों से बातचीत करके कैम्प के प्रति उनका फीडबैक लिया। सभी बच्चे काफी उत्साहित दिखे तथा उन्होंने समर कैम्प आयोजित करने के लिए निदेशक महोदय का आभार जताते हुए रविवार के दिन भी समर कैम्प जारी रखने का आग्रह किया।
निदेशक महोदय ने बताया कि यह कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, जिससे बच्चे आनन्दपूर्वक एवं तनाव रहित होकर अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाएं।
उन्होंने छात्रों के आग्रह पर इस प्रकार के कार्यक्रमों को विद्यालय की दैनिक गतिविधियों का अंग बनाने पर विचार करने का आश्वासन दिया। निदेशक महोदय न हस्तलेख विशेषज्ञ रा0जू0ह0 करोली के शिक्षक नरेन्द्रगिरी गोस्वामी एवं मनोचिकित्सक डॉ0 सोनल कौशल को सम्मानित किया।
अपने परिवार, मित्रों एवं शिक्षकों से निरन्तर संवाद करते रहें
आरोग्यधाम अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ0 सोनल कौशल ने बच्चों को बताया कि खुश रहने के लिए आत्मसम्मान होना जरूरी है। आत्मसम्मान से आत्मविश्वास बढ़ता है। इसके लिए खुद से सकारात्मक बातें करें एवं अपने परिवार, मित्रों एवं शिक्षकों से निरन्तर संवाद करते रहें।
तनावमुक्त होने के लिए वर्तमान में जीना आवश्यक है। दिन की अन्तिम गतिविधि में हस्तलेख विशेषज्ञ नरेन्द्रगिरी गोस्वामी ने बच्चों को अच्छे बोर्ड राइटिंग के लिए जरूरी टिप्स दिऐ।
उन्होंने बताया कि हमारे पौराणिक ग्रन्थ भी करसिव में लिखे हैं तथा इस विधा का संरक्षण एवं संवर्द्धन बहुत जरूरी है। बच्चों ने रूचिकर ढ़ग से लेखन का अभ्यास भी किया। कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक अधिकारी सह स्टाफ ऑफिसर बी0पी0 मैन्दोली एवं समन्वयक कुमार गौरव उपस्थित रहे।
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