क्या आपने कभी सोचा कि खाने की कोई स्वादिष्ट चीज देखकर मुंह में पानी क्यों आ जाता है? तो आखिरकार वैज्ञानिकों ने इसका जवाब खोज लिया है। जी हाँ जापान से संबंधित विशेषज्ञों के अनुसार खाना देखकर मुंह में पानी भर आने का संबंध मस्तिष्क से जुड़ा है जिसकी जड़ें मानव विकास में छिपे हैं। राष्ट्रीय संस्थान बंद जीनियटकस अनुसंधान के अनुसार आहार देखना और उसे खाने की इच्छा के बीच सीधा संबंध है।
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इस शोध के दौरान जेबरा मछली की मानसिक गतिविधियों की समीक्षा की गई, इस प्राणी के मस्तिष्क का नेटवर्क मनुष्य से मिलता जुलता है। अनुसंधान में बताया गया कि भोजन के व्यवहार और भूख मस्तिष्क का वह हिस्सा नियंत्रित करता है जिसे हीपो थालमयूस कहा जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार मनुष्य की तरह जेबरा मछली भी अपने आहार पहचान करने के लिए अक्सर दृष्टि उपयोग करती है और खाद्य चीज को देख हीपो थालमयूस में हलचल पैदा होती है।
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उनके अनुसार हमने पूछा कि भोजन को देखने से वह मानसिक न्यूरोन हरकत में आते हैं कि हीपो थालमयूस में भरने के हिस्से के केंद्र में होते हैं। उनका कहना था कि इस प्रक्रिया का विकास लाभ यह है कि जब हम भोजन को देखते हैं तो भूख का एहसास होने लगता है, जबकि मानव और अन्य जानवरों के बच्चों में यह मानसिक हिस्सा ही भूख व्यक्त करने में सहायता देता है।इसलिए उनके अंदर खाना पहचान करने की क्षमता पैदा होती है अन्यथा वह यह समझ नहीं पाते कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
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अनुसंधान के अनुसार इसी प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप बच्चे अक्सर छोटी चीजों को भोजन के रूप में लेकर मुंह में डाल कर उसके बारे में जानने की कोशिश करते हैं। शोधकर्ताओं का कहना था कि इस प्रक्रिया को समझने के लिए भविष्य में अधिक भोजन या पाली वसूली अस्थायी पर काबू पाने के लिए विधि बनाने में मदद मिलेगी।