जानिए व्हेल हवा में क्यों उछलती है

Whale Fish bounce air
Whale Fish bounce air

Whale Fish bounce air ग्रह का सबसे बड़ा जानवर, व्हेल एक बहुत विशाल और मशहूर जानवर है। प्राचीन जमाने में इंसान उसे भयानक जानवर समझता था और आज हर साल लाखों पर्यटक समुद्र में पहुंचकर इस का नजारा देखते हैं। व्हील चीखों, सीटों, कराहों और आहों के माध्यम से एक दूसरे से बातें करती हैं।

लेकिन वैज्ञानिक इस ‘‘बोली प्रणाली’’ आज तक सही तरह नहीं समझ सके। खुले समुद्र में व्हेलों की एक प्यारी प्रक्रिया यह भी है कि वे समय-समय पर हवा में उछलकर (Whale Fish bounce air) बड़े जोर से पानी में गिरता है। उनके गिरने से पानी में जोरदार छपाका होता है जिसकी आवाज दूर तक सुनी देती है। व्हेल जलस्तर में अपने पूंछ और महीपर भी जोर से मारती हैं। व्हील इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक शब्दावली में ‘‘ब्रीचिंग’’ (breaching) कहलाता है।

दो साल पहले ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञ प्राणी शास्त्र ने फैसला किया कि व्हेल के बारे में पता किया कि आखिर वह बरैचनग क्यों अपनाते हैं? उन्हें विश्वास था कि यह केवल मनोरंजन पालन नहीं बल्कि इसे अपनाने के पीछे कोई उद्देश्य जरूर है। चुनांचे वह दो साल तक व्हेल विभिन्न समूहों का अध्ययन और निरीक्षण करते रहे। आखिर उन्होंने बरैचनग प्रक्रिया जैसे रहस्य का पता कर ही लिया।

सामाजिक जानवर है

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व्हेल इंसान की तरह सामाजिक जानवर है। इसलिए कई व्हीलें अपने बाल-बच्चों के साथ रहती हैं और यूं एक समुदाय अस्तित्व में आ जाती है। इस समुदाय के सदस्य विशेष ध्वनियों के माध्यम से एक-दूसरे से संपर्क रखते हैं। मगर जब कोई सदस्य ढाई मील चला जाए, तो उससे संपर्क रखने में ब्रीचिंग प्रक्रिया काम आता है।

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व्हेल आवाज समुद्र के अंदर खासी दूर तक जा सकती है। लेकिन जब तूफान आया हो, या क्षेत्र में जहाज चल रहे हों, तो आमतौर पर जानवर की आवाज दो-ढाई मील तक नहीं पहुंच पातीं। बड़े व्हील वातावरण में उछल पड़ती हैं। जब व्हेल नीचे गिरता है तो पानी में छपाके की आवाज बहुत दूर तक जाती है। यूं व्हेल अपनी बिरादरी से ताल्लुक रखने वालो को गले लगाती रखती है। जब समुदाय व्हेल एक दूसरे से मेल भर दूरी परहों तो संपर्क का सिलसिला पूंछ और महीपर पानी मारकर जारी रखती हैं।

हालांकि वैज्ञानिक अभी तक नहीं जान सके कि व्हेल ऐसी क्या संदेश या संकेत देती हैं। बहरहाल वैज्ञानिक अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से व्हेल ‘‘ बोली प्रणाली’’ पर शोध कर रहे हैं। उम्मीद है कि भविष्य में मानव दुनिया के सबसे बड़े जानवर की बोली समझने में सफल हो जाएगा। ग्रह अपने पड़ोसियों की बोली समझ जाने का एक बड़ा लाभ यह है कि इंसान तो उन्हें मारने से परहेज करेंगे।

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