लखनऊ। सूबे में मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही आदित्यनाथ योगी बेहद एक्शन मोड में हैं। इसी कड़ी में माना जा रहा कि उनका अगला कदम सूबे में शराबबन्दी को लेकर हो सकता है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि सरकारी बिल्डिंगों में पान मसाला और गुटखा खाने पर बैन लगाने के निर्देश के बाद आदित्यनाथ योगी अब गुजरात मॉडल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में शराबबन्दी लागू कर सकते हैं।
आदित्यनाथ ने कल लोकसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा देने से पहले संसद में दिए भाषण में “प्रदेश में बहुत कुछ बन्द होने वाला है”, की बात करके एक तरह से कई सन्देश भी दिए हैं। आज इसके बाद उन्होंने पान मसाला और गुटखा खाने को सरकारी दफ्तरों में पूरी तरह से प्रतिबन्धित भी कर दिया। इसी तरह अब शराबबन्दी की भी बेहद चर्चा है। खासतौर से शपथ लेने वाले कई मंत्री भी इस विभाग के अब बन्द होने की चर्चा करते नजर आ रहे हैं। अगर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ऐसा करते हैं कि यूपी पड़ोसी राज्य बिहार की तरह भी इस राह पर चलता नजर आयेगा। नीतीश कुमार बिहार में पहले ही शराबबन्दी कर चुके हैं।
दरअसल आदित्यनाथ योगी लगातार जनहित में एक के बाद कई निर्णय लेकर यह सन्देश दे रहे हैं कि अब सब कुछ पहले ही तरह नहीं चलेगा। सरकार बदली तो काम करने का नजरिया भी बदलेगा। उन्होंने अपने मंत्रियों से लेकर नौकरशाहों को विभिन्न मुद्दों पर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब उन्होंने मंत्रियों के साथ अधिकारियों को भी पन्द्रह दिन के अन्दर अपनी सम्पत्ति का ब्योरा देने के निर्देश दिए। इसके अलावा आदित्यनाथ योगी की कार्यशैली और तेवर का ही असर है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बूचड़खानों के बन्द होने की खबरे सामने आने लगी हैं।
पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में जो अधिकारी इस मामले में शिकायत होने के बावजूद चुप्पी साध लेते थे, वह अब इन पर कार्रवाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसके अलावा यूपी पुलिस को तो आदित्यनाथ योगी के आते ही लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा का ऐसा ख्याल आया है कि वह एण्टी रोमियो अभियान चला रही है। कई जगह पुलिस के आलाधिकारी मजनुओं का जोश ठण्डा करने के लिए खुद कमान संभाल रहे हैं। यह वही पुलिस है जिसकी उपलब्धि चन्द दिनों पहले तक डॉयल 100 और 1090 तक सीमित थी। ऐसे में माना रहा है सीएम आदित्यनाथ आने वाले दिनों में जहित में कई और बड़े निर्णय ले सकते हैं।