नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बेटियों उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा है कि, वे खेल और अंतरिक्ष समेत हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रोशन कर रही हैं । रविवार को आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने महिला शक्ति की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि खेल का मैदान हो या अंतरिक्ष विज्ञान का क्षेत्र, हमारे देश की महिलायें किसी से पीछे नहीं हैं । कदम से कदम मिला करके आगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रोशन कर रही हैं। पिछले कुछ दिनों में एशियाई रग्बी सेवेंस ट्रॉफी हमारी महिला खिलाड़ियों ने रजत पदक जीता, उन सभी खिलाड़ियों को मैं ढेर सारी बधाइयां देता हूं।
मोदी ने कहा कि 8 मार्च पूरा श्विश्व महिला दिवसश् मनाता है। भारत में भी बेटियों को महत्व देने, परिवार और समाज में उनके प्रति जागरूकता बढ़े, संवेदनशीलता बढ़े। उन्होंने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ ये अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि यह तेजी से से आगे बढ़ रहा है। आज ये सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा है। ये एक सामाजिक संवेदना और लोकशिक्षा का अभियान बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि तमिलनाडु राज्य के कुड्डालोर जिले ने एक विशेष अभियान के तहत बाल-विवाह पर रोक लगाई। अब तक करीब 175 से ज्यादा बाल-विवाह रोके जा चुके हैं। जिला प्रशासन ने ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के अंतर्गत करीब-करीब 55-60 हजार से ज्यादा बेटियों के बैंक अकाउंट खोले हैं।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में समस्त विभागों को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना’ में जोड़ा है और ग्राम-सभाओं के आयोजन के साथ-साथ जिला प्रशासन द्वारा अनाथ बच्चियों को गोद लेना, उनकी शिक्षा सुनिश्चित करना, इसके भरपूर प्रयास हो रहे हैं। मोदी ने बताया कि, मध्य प्रदेश में घर-घर दस्तक’ कार्यक्रम के अंतर्गत गाँव-गाँव घर-घर बेटियों की शिक्षा के लिये एक अभियान चलाया जा रहा है। वही, राजस्थान ने ‘अपना बच्चा, अपना विद्यालय’ अभियान चला करके जिन बालिकाओं ने बीच में पढ़ाई छोड़ी थी, उनको पुनः स्कूल में भर्ती कर पढ़ने के लिये प्रेरित करने का अभियान चलाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि, जब हम 8 मार्च को ‘महिला दिवस’ मनाएंगे तब हमारा एक ही भाव होगा। इस भाव को मोदी ने दो पंक्तियों के जरिए यूं बयान किया, ‘महिला, वो शक्ति है, सशक्त है, वो भारत की नारी है, न ज्यादा में, न कम में, वो सब में बराबर की अधिकारी है।