डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं भी दे सकती हैं स्वस्थ बच्चे को जन्म Women suffering diabetes
हिना आज़मी
Women suffering diabetes एक औरत के लिए सबसे बड़ी खुशी तब होती है जब वह एक बच्चे को जन्म देती है और मां बनती है। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हें यह खुशी कभी नहीं मिल पाती हैं और कुछ बीमारियों से जूझ रही महिलाएं भी मां बनने की खुशी से वंचित रहती है लेकिन नित नये- नये रिसर्च ने इस क्षेत्र में काफी सुधार किए हैं।
आज बीमारियों के बढ़ते इस युग में लोग कई बीमारियां से पीड़ित होती हैं। डायबिटीज या मधुमेह भी ऐसी ही भयंकर बीमारी है। डायबिटीज की चपेट में पुरुष तो पुरुष, महिलाएं भी आ रही हैं। डायबिटीज के बारे में पुरुषों के अलावा महिलाओं में भी यह गलत धारणा पैदा हो जाती है कि इस बीमारी से पीड़ित महिलाएं स्वस्थ बच्चों को जन्म नहीं दे सकती। इसके विपरीत सच्चाई यह है कि डायबिटीज पीड़ित महिलाएं भी मां बन सकती हैं और स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
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जी हां इसके लिए उनके ब्लड शुगर का बेहतर नियंत्रण यानी कंट्रोल होना जरूरी है। गर्भधारण करने से पूर्व और गर्भावस्था के दौरान नियमित तौर पर ब्लड ग्लूकोज की निगरानी करके, उचित दवा का सेवन करके, संतुलित आहार लेकर और व्यायाम कर शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है और स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया जा सकता है।
ध्यान देने योग्य बातें
टाइप -2 डायबिटीज में प्रारंभ में कुछ बीटा सेल्स जीवित होती हैं, और उन्हें एक्टिवेट करने के लिए दवाओं की जरूरत होती है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा कंट्रोल की जा सकती है। वही टाइप-1 डायबिटीज पीड़ितों में सभी बीटा सेल्स मृत हो चुकी होती हैं ऐसी स्थिति में उन्हें इंसुलिन की जरूरत पड़ती है।
वास्तव में डायबिटीज पीड़ितों के इलाज के दौरान डॉक्टरों का मुख्य उद्देश्य उनके ब्लड शुगर को निर्धारित सीमा में रखना होता है, ताकि इस बीमारी के कारण कोई अन्य समस्या ना पैदा हो सके। इस संदर्भ में यह बताना ठीक होगा कि कुछ बच्चे जन्म से ही टाइप वन मधुमेह से पीड़ित होते हैं। उन्हें जन्म के समय से ही इंसुलिन पर निर्भर रहना पड़ता है।